बोर्ड बैठक : रुकेगा अतिक्रमण, बचेगी घनी आबादी
जागरण संवाददाता, नोएडा : नोएडा प्राधिकरण ने हरनंदी और यमुना के डूब क्षेत्र को ग्रीन कोरिडोर के रू
जागरण संवाददाता, नोएडा :
नोएडा प्राधिकरण ने हरनंदी और यमुना के डूब क्षेत्र को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। प्राधिकरण एक तरफ किसानों की डूब क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण करेगा, दूसरी तरफ यहां हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए अब गंभीरता से प्रयास करेगा। हालांकि जहां घनी आबादी बस चुकी है, उसे तोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन अब कहीं भी डूब क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। जहां वर्तमान में खाली भूखंड पड़े हैं या फिर छोटी चारदीवारी कर रखी है, उसे अतिक्रमण मानते हुए हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय सोमवार को बोर्ड बैठक में लिया गया।
प्राधिकरण चेयरमैन रमा रमण ने बताया कि हरनंदी और यमुना के डूब क्षेत्र में लगातार स्लम का विस्तार हो रहा है। यहां अवैध प्लाटिंग की जा रही है और लोग सस्ते के चक्कर में इस जमीन को खरीद रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार यहां अवस्थापना सुविधाएं न मिलने के कारण लोगों को दिक्कत होती है। अब डूब क्षेत्र को ग्रीन कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी शुरुआत हरनंदी के डूब क्षेत्र से की जाएगी। यहां ग्रीन कोरीडोर के लिए प्रोजेक्ट बेस योजना लाई जाएगी। इसमें एम्यूजमेंट पार्क, ओपन थियेटर, मेडिसिन पार्क और खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे। इस कार्य को करने के लिए नोएडा प्राधिकरण डूब क्षेत्र की जमीन का अधिग्रहण करेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने जमीन को क्रय करने के लिए सोमवार को दरों का निर्धारण भी कर लिया है। प्राधिकरण किसानों को इस जमीन के एवज में 2905 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा देगा।
प्राधिकरण चेयरमैन ने बताया कि ग्रीन कॉरीडोर विकसित करने के लिए किसानों से जमीन ली जाएगी। इसके साथ तीन कार्य और किए जाएंगे। सबसे पहला डूब क्षेत्र में अवैध रूप से हो रही प्लाटिंग को रोका जाएगा। दूसरा, अवैध रूप से किए गए निर्माण को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ा जाएगा और भविष्य में अतिक्रमण न हो, इसकी व्यवस्था की जाएगी। तीसरा, जहां घनी आबादी बस चुकी है और इस समय वहां लोग रह रहे हैं, उसे तोड़ा नहीं जाएगा।
----------
नहीं मिलेगा पांच प्रतिशत के भूखंडों का लाभ
जिन किसानों की जमीन डूब क्षेत्र से अधिगृहीत की जाएगी, उन किसानों को 2905 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन उन्हें अन्य किसानों की तरह पांच प्रतिशत के भूखंडों का लाभ नहीं दिया जाएगा। यही वजह है कि इन किसानों को सामान्य किसानों से अधिक मुआवजा प्राधिकरण की तरफ से दिया जाएगा।
-----------
शुल्क लेकर आबादी की जाएगी नियमित
प्राधिकरण के अधिगृहीत क्षेत्र में किसानों की आबादी के विनियमित किए जाने का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिगृहीत किए जाने के बाद कुछ स्थानों पर किसानों की जमीन बच जाती है, जो कहीं सौ मीटर तो कहीं दो सौ से चार सौ मीटर तक होती है। इस जमीन का प्राधिकरण कोई प्रयोग नहीं कर सकता, वहीं नियमावली के कारण यह आबादी नियमित भी नहीं हो पाती है। प्राधिकरण की तरफ से निर्णय लिया गया है कि सेक्टर दर से किसानों से शु्ल्क लेकर उस जमीन को नियमित कर दिया जाएगा।