छात्र-छात्राओं को सता रही परिजन की ¨चता
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : परिजन से बात तो हो रही है, वे सुरक्षित हैं, लेकिन भविष्य में स्थि
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
परिजन से बात तो हो रही है, वे सुरक्षित हैं, लेकिन भविष्य में स्थिति सुधरेगी या और खराब होगी। यह सोचकर ही डर लग रहा है। शनिवार के बाद रविवार को आए भूकंप के झटके और दोनों बार केंद्र नेपाल में होने के कारण बढ़ ¨चता और बढ़ गई है। यह कहना है ग्रेटर नोएडा के कॉलेजों में पढ़ने वाली विदेशी छात्राओं का। ग्रेटर नोएडा में पढ़ने वाले नेपाल के छात्र-छात्राओं को इस समय पढ़ाई के साथ अपने परिजन की ¨चता भी सता रही है।
ग्रेटर नोएडा के कॉलेजों में खासी संख्या में विदेशी छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। शारदा विवि में भी करीब पांच सौ छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जो नेपाल के रहने वाले हैं। यहां के हॉस्टल में 47 छात्राएं भी नेपाल की रहने वाली हैं। इन छात्राओं से जब बात की गई तो वे अपने परिवार को लेकर खासी चिन्तित दिखीं।
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घर पर बात तो हो गई थी, लेकिन ¨चता कम नहीं हो रही है। भूकंप आने के बाद से परिवार वाले घर के अंदर नहीं, घर के बाहर रह रहे हैं। घर तो सुरक्षित है, लेकिन मन में इतना खौफ है कि परिजन घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
यशश्वी थापा, विराट नगर, काठमांडू, नेपाल
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घर वालों से फेसबुक व व्हाट्स एप के जरिए बात हो पा रही है। वह भी लगातार नहीं हो रही है, क्योंकि वहां नेटवर्क की समस्या बढ़ गई है। इसके कारण हर पल परिवार की ¨चता सता रही है। जब बात हुई थी, तो उन्होंने बताया था कि वे सुरक्षित हैं।
सर्वश्री, काठमांडू, नेपाल
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रात के साथ परिवार वालों का दिन भी सड़क पर गुजर रहा है। स्थिति में सुधार होगा या नहीं, यह तो पता नहीं, लेकिन परिवार वालों से बात हुई तो पता लगा कि वे सुरक्षित हैं।
सुकृति, काठमांडू , नेपाल
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वहां ऐसी आपदा आई हुई है। ऐसे में घर जाने का मन तो हो रहा है, लेकिन परीक्षा होने के कारण घर नहीं जा सकेंगे। ऐसे में भगवान से यही दुआ कर रही हूं कि सब कुछ ठीक रहे और उनके परिवार के साथ बाकी लोग भी सुरक्षित रहें।
श्रीयुती, काठमांडू, नेपाल