नोएडा नहीं गाजियाबाद में बनेगी फॉरेंसिक लैब
ललित विजय, नोएडा : उत्तर प्रदेश का नाक होने के बावजूद गाजियाबाद से नोएडा हार गया। शासन ने नोएडा क
ललित विजय, नोएडा :
उत्तर प्रदेश का नाक होने के बावजूद गाजियाबाद से नोएडा हार गया। शासन ने नोएडा की बजाय गाजियाबाद में फोरेंसिक लैब बनाने को मंजूरी दी है, जिससे नोएडा में लैब बनने का सपना साकार नहीं हो सकेगा। अब नोएडा पुलिस को भी गाजियाबाद के निवाड़ी में प्रस्तावित फॉरेंसिक लैब में ही जांच के लिए जाना होगा। नोएडा में अलग से फोरेंसिक लैब को नहीं बनाया जाएगा।
2012 में नोएडा पुलिस ने बनाया था प्लान
नोएडा पुलिस ने 2012 में फॉरेंसिक लैब के लिए प्लान बनाया था, जिसे शासन को भेजा गया था। प्रमुख सचिव गृह ने उसे मंजूरी भी दे दी थी। उधर, गाजियाबाद की तरफ से लैब बनाने का प्लान भेजा गया था। निवाड़ी में लैब के लिए पर्याप्त जमीन थी। नोएडा में जमीन का अभाव था। साथ ही गाजियाबाद प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारियों ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इस कारण कैबिनेट ने गाजियाबाद की योजना को मंजूरी दे दी।
..इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है नोएडा
देश-दुनिया के नामचीन लोग नोएडा में रहते हैं। मीडिया हब यहां है। इस कारण यहां होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं की चर्चा भी दूर तक होती है। इससे प्रदेश और देश की छवि भी प्रभावित होती है। निठारी और आरुषि हत्याकांड के दौरान भी फोरेंसिक लैब न होने के कारण प्रदेश सरकार की छवि दुनियाभर में धूमिल हुई थी। यदि नोएडा में लैब बनाया जाता तो भविष्य में ऐसी समस्या उत्पन्न न होती। साथ ही बड़ी घटनाओं के जल्द खुलासे में पुलिस को मदद मिलती।
ऐसा होगा निवाड़ी का फोरेंसिक लैब
मेरठ और मुरादाबाद जोन की पुलिस के लिए गाजियाबाद के निवाड़ी में फोरेंसिक लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) का निर्माण होगा। 61 करोड़ रुपये की लागत से बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा होगा, जिसके तहत बिसरा विभाग, साइबर क्राइम लैब, आवाज टेस्ट, डीएनए, नारकोटिक्स, ब्रेन मैपिंग लैब सहित 19 अलग-अलग डिवीजन बनेंगे। लैब शुरू होने के बाद बिसरा की जांच हो सकेगी और लावारिस शवों के निस्तारण में सहायता मिलेगी।
तीन तरह की होगी जांच
भौतिक जांच : गोली, बारूद से लेकर अन्य तरह की चोट की जांच
रासायनिक जांच : इसमें जहर व बिसरा की जांच
जैविक जांच : बाल, खाल, हड्डी, पसीना, वीर्य, खून
मेरठ और मुरादाबाद जोन के लिए काम करेगी लैब
निवाड़ी में प्रस्तावित लैब मेरठ और मुरादाबाद जोन की पुलिस के लिए काम करेगी। अभी दोनों जोन की पुलिस को जांच के लिए आगरा, लखनऊ या हैदराबाद जाना पड़ता है, जिसमें बहुत समय लग जाता है। इससे पेंचीदा मामलों की जांच प्रभावित होती है।
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नोएडा में फोरेंसिक लैब का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन ने नोएडा में लैब बनाने की मंजूरी नहीं दी। गाजियाबाद जिले के निवाड़ी में बनने वाले लैब में ही नोएडा पुलिस भी जांच कराएगी।
-डा. प्रीतिंदर सिंह, एसएसपी, गौतमबुद्ध नगर।