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सरकार के फैसले हजारों भूखंडों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : प्रदेश सरकार के स्टांप शुल्क में छूट देने के निर्णय से नोएडा, ग्र

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 08:35 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 06:10 AM (IST)
सरकार के फैसले हजारों भूखंडों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

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प्रदेश सरकार के स्टांप शुल्क में छूट देने के निर्णय से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के हजारों आवंटियों को बड़ी राहत मिली। सबसे ज्यादा किसानों को फायदा हुआ है। साथ ही प्राधिकरण द्वारा आवंटित हजारों भूखंडों की रजिस्ट्री का रास्ता भी साफ हो गया है। प्रदेश सरकार ने भूखंडों पर कब्जे की तिथि तक डीएम सर्किल रेट के बजाय आवंटन दर पर स्टांप शुल्क देकर संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने का प्रावधान कर दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया जा चुका है। एक सप्ताह के अंदर इसका शासनादेश आ जाएगा। इस निर्णय से वे आवंटी अपने भूखंडों की रजिस्ट्री करा सकेंगे, जो कब्जा मिलने में देरी होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे थे।

दरअसल, पूर्व में प्राधिकरण द्वारा आवंटित संपत्तियों की रजिस्ट्री आवंटन दर पर कराने का प्रावधान था। बसपा शासन काल में इसमें संशोधन कर दिया गया। आवंटन तिथि के छह माह के अंदर भूखंडों की रजिस्ट्री कराने पर आवंटन दर पर पांच फीसद स्टांप शुल्क देने का प्रावधान किया गया। छह माह की तिथि बीतने पर डीएम सर्किल रेट पर स्टांप शुल्क देने की व्यवस्था की गई। आवंटन दर और डीएम सर्किल रेट में कई गुना का अंतर होने की वजह से आवंटियों को स्टांप शुल्क की अधिक मार पड़ने लगी। इसकी मुख्य वजह छह माह के अंदर भूखंडों पर कब्जा न मिलना है। दरअसल, भूखंडों की रजिस्ट्री कराने के लिए उसका लीज प्लान होना अनिवार्य है। बिना लीज प्लान के भूखंड की रजिस्ट्री नहीं हो सकती। उधर, प्राधिकरण लीज प्लान तभी देता है, जब जमीन पर कब्जा मिलने के बाद सेक्टर का आंतरिक विकास पूरा हो जाता है। यह कार्य आवंटन तिथि के छह माह के अंदर पूरा नहीं हो पाता। उधर, छह माह तक कब्जा न मिलने की वजह से आवंटी भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं करा पाते। इसके बाद उन्हें डीएम सर्किल रेट पर स्टांप शुल्क अदा कर भूखंडों की रजिस्ट्री करानी पड़ती है। इससे कई गुना अधिक रुपये का स्टांप शुल्क देना पड़ता है। प्रदेश सरकार ने अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बहाल करते हुए निर्णय लिया है कि अब कब्जा मिलने तक आवंटन दर पर ही रजिस्ट्री का स्टांप शुल्क लिया जाएगा।

किसानों को होगा सर्वाधिक लाभ

प्राधिकरण किसानों को अर्जित भूमि की एवज में छह फीसद विकसित भूखंड देता है। इसके बदले में मुआवजा राशि के समान कीमत वसूली जाती है। आवंटन के छह माह के अंदर प्राधिकरण किसानों को भूखंडों पर कब्जा नहीं दे पाता है। इससे किसानों को भी आवंटन दर पर स्टांप शुल्क के बजाय डीएम सर्किल रेट पर स्टांप शुल्क देना पड़ता है। किसानों को करीब 14 सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं। आवंटन दर पर स्टांप शुल्क देना पड़े तो किसानों को मात्र 14 सौ रुपये पर ही पांच फीसद स्टांप शुल्क देना पड़ेगा। जबकि डीएम सर्किल रेट 12 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। छह माह बीतने के बाद किसानों को 14 सौ रुपये के बजाय 12 हजार रुपये प्रति मीटर की दर पर पांच फीसद स्टांप शुल्क देना पड़ता है। इसी शुल्क को बचाने के चक्कर में अधिकांश आवंटी अपने भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं करा रहे थे।

ग्रेटर नोएडा रजिस्ट्री होना बाकी : 4000 भूखंड

यमुना प्राधिकरण में रजिस्ट्री होना बाकी : 7000 भूखंड

किसानों के रजिस्ट्री होना बाकी : 7000 भूखंड

इस संबंध में बुधवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जा चुका है। एक सप्ताह के अंदर सरकार के निर्णय की प्रति मिल जाएगी। इसके बाद आवंटन दर पर भूखंडों की रजिस्ट्री होना शुरू हो जाएगी।

हरीश कुमार वर्मा, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण


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