जननी सुरक्षा योजना पर पोती जा रही कालिख
संवाद सहयोगी, दनकौर : कभी प्रसव के दौरान बेटे या बेटी की अदला बदली का खेल, तो कभी जननी को दिए जाने
संवाद सहयोगी, दनकौर :
कभी प्रसव के दौरान बेटे या बेटी की अदला बदली का खेल, तो कभी जननी को दिए जाने वाले भोजन के नाम पर कमाई। यह हाल है दनकौर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का। अब स्वास्थ्य केंद्र का आलम यह है कि पौष्टिक आहार के नाम पर गर्भवती महिलाओं को सिर्फ चाय-बिस्कुट दिया जा रहा है। कहने को तो केंद्र पर गर्भवती को दिए जाने वाले खाने का मेनू लिखा है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है।
जननी की सुरक्षा पर सवाल
सरकार द्वारा गरीबों को स्वास्थ्य सेवा
मुहैया कराने का सपना दनकौर पीएचसी पर आकर दम तोड़ देता है। पीएचसी में इसके एक नहीं अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं। कभी चिकित्सकों की लापरवाही के चलते प्रसूता परेशान होती हैं। कभी कर्मचारी ही पीएचसी पर आने वाले मरीजों को भ्रमित करने के लिए दीवारों पर लिखी योजनाओं पर कालिख पोत देते हैं। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में देखने को मिलता है। इस कारण केंद्र पर आने वाले लोग भ्रमित होते हैं।
दीवारों पर लिखे बोर्ड भी नहीं होते अपडेट: विभाग जननी सुरक्षा योजना के तहत महिला को प्रसव के उपरात दिए जाने वाले खाने की व्यवस्था में लापरवाही बनी हुई है। आलम यह है कि दीवार पर लिखी सूचनाएं भी कभी अपडेट नहीं होती हैं। बात दीवार तक ही सीमित नहीं है, दीवार को पोतने के साथ ही विभाग ने खाने का भी बंदर बाट शुरू कर दिया है। विभाग का हाल यह है कि प्रसूता को दोनों समय दिए जाने वाले खाने को मात्र चाय बिस्कुट के रूप में देकर इतिर्श्री कर ली जाती है।
क्या हैं विभागीय निर्देश:: दीवार पर लिखे प्रसूता को दिए जाने वाले नाश्ते की सूची को सही मानें तो प्रसूता स्त्री को 500
मिली दूध, एक ब्रेड का पैकेट, दो केले, एक अंडा व 20 ग्राम मक्खन सुबह और शाम के समय अलग-अलग मिलना चाहिए। सोमवार को एक प्रसूता के साथ आई महिलाओं ने नाम न छापने की शर्त
पर बताया कि प्रसूता को केवल एक समय ही नाश्ता दिया जा रहा है।
अभी तक ऐसी कोई शिकायत लिखित में नहीं मिली है। जल्द ही स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया जाएगा। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अस्पताल कर्मियों के
खिलाफ उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
-बच्चू सिंह, एसडीएम सदर