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25 साल में लिखी गई विकास की गाथा

धर्मेद्र, चंदेल, नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बुधवार को अपना 25 वां स्थापना दिवस मनाएगा। चौबीस व

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jan 2015 03:11 AM (IST)
25 साल में लिखी गई विकास की गाथा

धर्मेद्र, चंदेल, नोएडा

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बुधवार को अपना 25 वां स्थापना दिवस मनाएगा। चौबीस वर्ष का सफर तय करने के बाद शहर अब पच्चीसवें वर्ष में प्रवेश करेगा। हालांकि, विकास के इस सफर में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। किसान आंदोलन और विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का प्रभाव शहर के विकास पर पड़ा। जिन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को मास्टर प्लान 2021 के अनुसार कई वर्ष पहले पूरा कर लिया जाना चाहिए था, वे आर्थिक मंदी और किसान आंदोलन से पिछड़ गई। इस सबसे पार पाते हुए ग्रेटर नोएडा अब विकास की गाथा को पूरा करने की ओर अग्रसर है। हालांकि, जिस औद्योगिक विकास के उद्देश्य को लेकर ग्रेटर नोएडा की स्थापना हुई थी, वह पूरा होना बाकी है, लेकिन शहर ने विकास के मामले में मुकाम हासिल किया है। फार्मूला वन कार रेस ट्रैक व इंडिया एक्सपो मार्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है। इस साल दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर, (डीएमआइसी), नाइट सफारी, मेट्रो, सिटी बस सेवा व रेलवे स्टेशन आदि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के धरातल पर आने से ग्रेटर नोएडा विकास के मामले में अन्य शहरों को काफी पीछे छोड़ देगा। यानी पच्चीस वर्ष पहले शहर की स्थापना करते समय जो सपना देखा गया था, वह अब पूरा होने को है।

28 जनवरी, 1991 को हुई थी ग्रेटर नोएडा की स्थापना

प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 28 जनवरी, 1991 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना की थी। प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य शहर में औद्योगिक इकाइयां स्थापित कराना था। इनमें काम करने वाले श्रमिकों, कर्मचारियों और प्रबंधकों के लिए आवास मुहैया कराने के लिए आवासीय सेक्टर बनाए जाने का प्रावधान किया गया। घरों के नजदीक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं, स्कूल और रोजमर्रा का समान मिल सके। इसके लिए संस्थागत, कामर्शियल आदि भूखंडों की योजनाएं निकालने का प्रावधान भी किया गया था।

चौड़ी सड़कें और घनी हरियाली के लिए जाना जाता है शहर

समूचे देश में ग्रेटर नोएडा की पहचान चौड़ी सड़कें और घनी हरियाली के लिए होती है। शहर के कुल क्षेत्रफल में से 27 फीसद हिस्सा हरित पट्टी के लिए छोड़ा गया है। प्राधिकरण अब तक 25 लाख पौधे शहर में विभिन्न स्थानों पर लगा चुका है। शहर में सड़कों की चौड़ाई 24 मीटर से लेकर 130 मीटर तक है।

अन्य शहरों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी

ग्रेटर नोएडा से नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ने के लिए इस वर्ष 130 मीटर चौड़ी सड़क को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस सड़क से होते हुए लोग विजयनगर गाजियाबाद के पास एनएच 24 पर पहुंच सकते हैं। सिकंद्राबाद व बुलंदशहर को जोड़ने के लिए सूरजपुर-कासना-खेरली नहर मार्ग चालू है। ग्रेटर नोएडा से आगरा, कानपुर, लखनऊ तक के लिए यमुना एक्सप्रेस वे राह आसान बनाता है। नोएडा व दिल्ली को जोड़ने के लिए पहले से एक्सप्रेस वे बना है। फरीदाबाद और गाजियाबाद को जोड़ने के लिए भी एक्सप्रेस वे (एफएनजी) का निर्माण किया जा रहा है।

54 हजार हेक्टेयर जमीन पर फैला है शहर

ग्रेटर नोएडा के प्रथम फेज में 124 गांवों की 54 हजार हेक्टेयर भूमि को अधिसूचित किया था। प्राधिकरण अब तक 80 गांवों की करीब 42 हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर चुका है। फेस दो के लिए दादरी क्षेत्र के 189 गांवों को 55 हजार हेक्टेयर भूमि को और अधिसूचित घोषित किया गया है। हालांकि, इन गांवों में फिलहाल जमीन अधिग्रहण शुरू नहीं हुआ है।

मेट्रो से सफर होगा आसान

नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो लाने की कवायद पिछले पंद्रह साल से चल रही है। अब जाकर इसका सपना पूरा हुआ है। मार्च के अंत में नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो ट्रैक का निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर निकाले जा चुके हैं। ट्रैक पर 2017 तक मेट्रो दौड़ने लगेगी।

नाइट सफारी से मिलेगी नई पहचान

समूचे विश्व में चार नाइट सफारी है। विश्व की पांचवीं और देश की पहली नाइट सफारी का निर्माण ग्रेटर नोएडा में होगा। मार्च के प्रथम सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्ष 2017 तक इसका निर्माण पूरा होना है। इसके बाद देशी-विदेशी पर्यटक हर साल ग्रेटर नोएडा आएंगे। इससे शहर को नई पहचान मिलेगी।

हेलीपोर्ट और हवाई पट्टी का सपना भी होगा पूरा

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सामने 35 एकड़ जमीन पर हेलीपोर्ट का निर्माण मार्च के प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगा। सोलह सौ मीटर लंबी और दो सौ मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का निर्माण भी इसके साथ मार्च में शुरू होगा। इस साल के अंत तक दोनों का निर्माण पूरा हो जाएगा।

इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण शुरू

अजायबपुर और बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के बीच 747 हेक्टेयर भूमि पर इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण शुरू हो गया है। इनमें लगने वाली इकाइयों से 12 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होगा और पौने दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

डीएमआइसी की अड़चन दूर

मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट से से ग्रेटर नोएडा तक बनाए जाने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के निर्माण की बाधा भी दूर हो गई हैं। अप्रैल-मई में इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा। इससे ग्रेटर नोएडा और दादरी क्षेत्र में 72 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक पूंजी निवेश होगा।

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इस वर्ष कई परियोजनाओं का निर्माण शुरू होगा। साल के अंत तक परियोजनाएं धरातल पर नजर आने लगेंगी। औद्योगिक विकास पर अधिक जोर रहेगा। पच्चीस वर्ष पहले जो सपना देखा गया था, वह अब पूरा होने को है। हालांकि, पेयजल, सुरक्षा, परिवहन सेवा में काम करने की जरूरत है। इस साल के अंत तक इनकी अड़चन भी दूर हो जाएंगी।

रमा रमण, चेयरमैन व सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण


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