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कापियों के मूल्यांकन में यूपीटीयू उदासीन

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा छात्रों के भविष्य को लेकर उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय लापरवाह हो ग

By Edited By: Published: Thu, 22 Jan 2015 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jan 2015 08:09 PM (IST)
कापियों के मूल्यांकन में यूपीटीयू उदासीन

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा

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छात्रों के भविष्य को लेकर उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय लापरवाह हो गया है। आलम यह है कि सेमेस्टर परीक्षाएं समाप्त होने के एक सप्ताह बाद भी मूल्यांकन के लिए कापियों को लखनऊ स्थित केंद्र पर नहीं भेजा गया है। ऐसे में जहां एक तरफ नया सेमेस्टर शुरू होने में विलंब हो सकता है। दूसरी ओर अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परेशानी बढ़ सकती है। परीक्षा परिणाम देर से जारी होने के कारण छात्रों को नौकरी मिलने में विलंब हो सकता है।

यूपीटीयू की सेमेस्टर परीक्षाएं 15 जनवरी को समाप्त हो गई थी। परीक्षा के लिए जिले में चौदह केंद्र बनाए गए थे। आइईसी कॉलेज को परीक्षा नोडल केंद्र बनाया गया था। पूर्व में यूपीटीयू कापियों के मूल्यांकन में काफी तेजी दिखाता था। दो-तीन पेपर समाप्त होने के बाद पच्चीस से तीस हजार कापियों को मूल्यांकन के लिए यूपीटीयू भेज दिया जाता था। परीक्षा के दौरान ही कापियों का मूल्यांकन भी शुरू हो जाता था, लेकिन यूपीटीयू ने इस सत्र में ढिलाई की सीमा ही पार कर दी है। लिखित परीक्षाएं समाप्त हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन लखनऊ मुख्यालय भेजने की बजाय लगभग दो लाख नब्बे हजार कापियों को आइईसी कॉलेज में ही रखा गया है। सूत्रों की मानें तो कापियां लखनऊ मुख्यालय कब जाएंगी इस विषय में भी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। कापियां जाने के तीन-चार दिन बाद प्रोफेसरों को मूल्यांकन में लगाई गई उनकी ड्यूटी के विषय में सूचित किया जाएगा। इसके बाद मूल्यांकन कार्य शुरू होगा। ऐसे में संभावना है कि कम से कम दस दिन बाद कापियों का मूल्यांकन शुरू होगा। यूपीटीयू का नया सेमेस्टर माह के अंत में शुरू होगा। सेमेस्टर शुरू होते ही कॉलेजों के प्रोफेसर व्यस्त हो जाएंगे। अगर उनकी मूल्यांकन में ड्यूटी लगाई जाएगी तो उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। मूल्यांकन के लिए कापियों को एक केंद्र पर भेजा जाता है। जहां पर पहुंचकर प्रोफेसरों को मूल्यांकन करना होता है। ऐसे में प्रोफेसरों की परेशानी को देखते हुए नए सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू कराने में यूपीटीयू विलंब सकता है। कापियों का मूल्यांकन देर से शुरू होने के कारण परीक्षा परिणाम घोषित होने में भी विलंब होगा। इसमें सबसे अधिक परेशानी विभिन्न कोर्स के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को होगी। नौकरी के लिए छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा के परिणाम की कापी दिखानी पड़ती है। परिणाम जारी न होने से नौकरी मिलने में उन्हें विलंब हो सकता है। इस संबंध में यूपीटीयू के परीक्षा नियंत्रक बीएन मिश्रा से फोन पर कई बार संपर्क किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठाया। जबकि रजिस्ट्रार पवन कुमार गंगवार ने इस संबंध में कोई भी बयान देने से मना कर दिया।


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