यातायात पुलिस के दावे हुए फुस्स
जागरण संवददाता, नोएडा। अट्टा दुकानदारों के आगे यातायात पुलिस पूरी तरह से बेबस हो गई है। नियमों का
जागरण संवददाता, नोएडा।
अट्टा दुकानदारों के आगे यातायात पुलिस पूरी तरह से बेबस हो गई है। नियमों का पालन कराने के सारे दावों को दुकानदारों ने यातायात माह में ही फुस्स कर दिया है। ऐसे में अब पुलिस के सामने यह चुनौती आ गई है कि वह अट्टा दुकानदारों से कैसे डीएसी मार्ग को मुक्त कराए।
दादरी सूरजपुर छलेरा (डीएससी) मार्ग पर अट्टा दुकानदारों की ओर से हो रही स्थाई पार्किंग को लेकर पिछले सप्ताह यातायात पुलिस के एसपी ने एक बैठक की थी। जिसमें अट्टा के दुकानदारों ने पुलिस को यह आश्वासन दिया था कि वह सड़क पर किसी कीमत पर स्थाई पार्किंग नहीं करेंगे। यातायात पुलिस की ओर से स्पष्ट किया गया था कि डीएससी रोड पर अगर वाहन को खड़ा किया गया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। उसके अगले दिन यातायात पुलिस के एसपी ने खुद डीएससी रोड से लेकर विनायक अस्तपाल तक सड़क पर खड़े वाहनों को उठवाया और चालान भी काटे, लेकिन एक दिन कार्रवाई करने के बाद यातायात पुलिस शांत होकर बैठ गई और दुकानदारों ने भी सड़क पर फिर से पूर्व की भांति वाहनों को खड़ा करना शुरू कर दिया। अब हालात यह हो चले है कि सड़क पर पहले से अधिक वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। जिससे प्रतिदिन इस रास्ते पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। हैरानी की बात यह है कि क्या पुलिस प्रशासन अब इतना पंगु हो चुका है कि दोषियों पर अंकुश लगाना तो दूर की बात वह सड़क पर वाहनों को सटीक तरीके से खड़ा तक नहीं करवा सकता है। ऐसे में तो उनकी योग्यता पर ही सीधे सवालिया निशान लगता है। लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल इनके आला अधिकारियों के पास लिखित शिकायत भेजनी चाहिये। जिससे इसकी कार्य क्षमता का अधिकारियों को पता चल सके और उनकी इस योग्यता के आधार पर प्रमोशन और इंक्रीमेंट का आकलन हो।
मुख्य मार्ग पर वाहनों को खड़ा करना सही बात नहीं है। इससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित होता है। एक बार समझा दिया गया है। आगे से इस मामले पर कार्रवाई ही की जाएगी। अब लगता है कि जनता स्वयं चाह रही है कि उनकी गैर जिम्मेवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-राजीव नारायण मिश्र, पुलिस अधीक्षक यातायात, गौतमबुद्ध नगर।