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कार्रवाई न होने से फैला अवैध कालोनियों का जाल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा सुनियोजित शहर है। अवैध कालोनियां इसका स्वरूप बिगाड़ र

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 08:35 PM (IST)
कार्रवाई न होने से फैला अवैध कालोनियों का जाल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

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ग्रेटर नोएडा सुनियोजित शहर है। अवैध कालोनियां इसका स्वरूप बिगाड़ रही हैं। पिछले ढाई वर्ष से शहर में अवैध कालोनियों का सर्वाधिक जाल फैला। प्राधिकरण आंख मूंदे कालोनाइजरों के खेल को देखता रहा। हजारों बीघा जमीन पर अवैध कालोनी बसा दी गई, लेकिन एक भी कालोनाइजर पर कार्रवाई नहीें हुई।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण की अनुमति के बिना निर्माण नहीं हो सकता। शासन द्वारा 28 जनवरी 1991 को 124 गांवों में अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद गांवों में प्राधिकरण के नियम-कानून लागू हो गए। हालांकि, इन नियमों की धज्जियां प्राधिकरण के गठन से ही उड़ती रही हैं। प्राधिकरण ने उन लोगों के खिलाफ तो मामला दर्ज कराया, जिनके नाम जमीन के अभिलेखों में दर्ज थे, लेकिन कालोनाइजरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मामला दर्ज होने के बावजूद अधिसूचित जमीन पर अवैध कालोनी बसाने का खेल बदस्तूर जारी रहा। इस पर कोई लगाम नहीं लग सकी। इससे कालोनाइजरों के हौसले बढ़ते गए।

कुलेसरा व सूरजपुर से शुरू हुआ था खेल

क्षेत्र में सबसे पहले कुलेसरा व सूरजपुर में अवैध कालोनी बसाने का खेल शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह आसपास के देवला, हल्दौनी, कुलेसरा, रूपवास, सुथ्याना, चिपियाना, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, गढ़ी चौखंडी, चोटपुर,्र छिजारसी आदि गांवों में फैल गया।

अधिग्रहण रद होने के बाद साबेरी में कटी अवैध कालोनी

हाईकोर्ट द्वारा साबेरी गांव में जमीन अधिग्रहण रद कर दिया गया था। तब लोगों ने कहा था कि वह अपनी जमीन पर खेती करना चाहेंगे, लेकिन हुआ एकदम इसका उल्टा। लोगों ने जमीन पर खेती करने के बजाय अवैध कालोनी बसानी शुरू कर दी। हैरत की बात यह है कि यह सब खेल प्राधिकरण की नाक के तले हुआ। प्राधिकरण अधिकारी प्रतिदिन साबेरी के पास से गुजरते हैं। किसी ने भी अवैध कालोनियों की तरफ ध्यान नहीं दिया। हालांकि, अवैध कालोनी काटने वालों को नोटिस जरूर भेजे गए, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। नतीजतन अवैध निर्माण बढ़ता गया।

जीटी रोड के किनारे बसीं कालोनियां

पहले जीटी रोड के किनारे अवैध कालोनी नहीं थी, लेकिन अब वहां कालोनियों की भरमार हो गई है। गाजियाबाद और दादरी के नजदीक पड़ने के कारण लोग जीटी रोड के किनारे के गांवों में भूखंड लेने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं। छपरौला, धूम मानिकपुर, धर्मपुरा खेड़ा, डेरी मच्छा, डेरी स्कनर, कूड़ी खेड़ा, कैलासपुर, रूपवास आदि गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध कालोनी बसाई जा चुकी है।

कालोनाइजरों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई होती रही है। सूरजपुर में तीन दर्जन से अधिक कालोनाइजरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा चुका है। क्षेत्र में जितनी भी अवैध कालोनियां हैं, उन सभी को ध्वस्त किया जाएगा। कोई भी कालोनी छोड़ी नहीं जाएगी।

मानवेंद्र सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण


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