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आजीवन कारावास के कैदी को सात वर्ष की सजा

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : विशेष जज अनुसूचित जाति, जनजाति बीना चौधरी की अदालत ने पत्नी की हत्या

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 08:28 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 08:28 PM (IST)
आजीवन कारावास के कैदी को सात वर्ष की सजा

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : विशेष जज अनुसूचित जाति, जनजाति बीना चौधरी की अदालत ने पत्नी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पति को अन्य मामले में सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने जिस मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है। उस अवधि में वह जेल में बंद था।

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सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेम सिंह चौधरी ने बताया कि नोएडा क्षेत्र के भंगेल निवासी कमलेश शर्मा का बेटा अंशुल एक स्कूल में नौकरी करता था। 25 अगस्त 2011 को वह दोपहर एक बजे घर पहुंचा। शराब पीने के बाद खाना खाकर वह सो गया देर रात एक बजे उसकी नींद खुली। अंशुल ने मां से खाना मांगा। कमलेश खाना लाने की बात कहकर चली गई। इसी बीच अंशुल गुस्से में रसोईघर में पहुंचा और तमंचे से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की रिपोर्ट फेज दो थाने में दर्ज की गई थी। अधिवक्ता ने बताया कि कमलेश शर्मा की अधिवक्ता बेटी रंजना शर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अदालत ने उसके पति राजू उर्फ राजकुमार निवासी नंगली वाजिदपुर को घटना से करीब चार माह पूर्व आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले की पैरवी व गवाही अंशुल ने की थी। इससे राजू अंशुल से नाराज था। राजू हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। वह 19 अगस्त 2011 को पेशी पर जनपद न्यायालय आया था। उसी दिन अंशुल अपनी मां के साथ जमीन के मुआवजे से संबंधित एक मुकदमे में कोर्ट आया था। इसी दौरान राजू का अंशुल व उसकी मां से आमना सामना हो गया था। राजू ने अंशुल को एक सप्ताह में हत्या कराने की धमकी दी थी। उसने बताया कि वह दो लाख रुपये की सुपारी दे चुका है। इसके बाद से अंशुल व उसकी मां काफी तनाव में थे। बयान दर्ज कराने के दौरान अदालत ने भी माना की कमलेश शर्मा काफी डरी हुई है। अंशुल भी हत्या की धमकी के बाद से डरा हुआ था तनाव में उसने खुदकुशी की है। अदालत ने राजू को दोषी करार देते हुए उसे सात वर्ष के कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना।


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