ग्रामीणों का जनप्रतिनिधियों से उठने लगा विश्वास
जागरण संवाददाता, नोएडा : नोएडा के अंदर पड़ने वाले सभी गांव के लोगों का अब अपने जनप्रतिनिधियों से वि
जागरण संवाददाता, नोएडा :
नोएडा के अंदर पड़ने वाले सभी गांव के लोगों का अब अपने जनप्रतिनिधियों से विश्वास उठने लगा है। तभी ग्रामीणों ने अपने गांव की समस्याओं को हल कराने के लिए खुद कमान हाथ में लेने का निर्णय किया है।
यह हम नहीं, बल्कि वह ग्रामीण कह रहे हैं जिन्होंने नोएडा को बसाने के लिए अपने-अपने गांव की जमीन प्राधिकरण के हवाले की है। शहर बसने के 38 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए गांव में तरस रहे हैं। नोएडा के सभी गांव के लोगों ने नोएडा विकास मंच के तहत एक पंचायत बुलाने का फैसला लिया है। जिसका आयोजन रविवार को सेक्टर-11 के झुंडपुरा स्थित शिवमंदिर में होने जा रहा है। जिसमें इस बात को लेकर चर्चा की जाएगी कि नोएडा प्राधिकरण 38 वर्ष से शहर को फाइब स्टार बनाने की जुगत में जुटा है। लेकिन इन वषरें में नोएडा के गांव स्लम से भी बदहाल स्थिति में पहुंच गए हैं।
कमेटी का होगा गठन:
ग्रामीणों का कहना है कि मंच को आगे रखकर नोएडा के सभी 76 गांव को तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा। जिसमें सबसे बड़ी आबादी वाले गांव में 51 ग्रामीणों की एक कमेटी बनेगी, उससे कम आबादी वाले गांव में 31 और सबसे कम आबादी वाले गांव में 21 लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी।
कमेटी का अहम रोल :
गांव में गठित होने वाली कमेटी का अहम रोल होगा। यह कमेटी ही गांव की समस्याओं को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के सामने जाएगी और उसका निदान मौके पर कराएगी। अगर अधिकारी किसी भी प्रकार की आनाकानी करती है तो उसकी शिकायत उससे बड़े अधिकारी के पास लेकर यह कमेटी ही जाएगी।
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नोएडा के गांव में बहुत अधिक दिक्कत हो गई है। अब मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांव दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में गांव का भविष्य बचाने और अपने बच्चों का जीवन स्तर सुधारने के लिए गांव के बाहर ग्रामीणों ने कदम रखने का फैसला लिया है। इसके तहत इस प्रकार की तैयारी की जा रही है।
-जोगेंद्र सिंह अवाना, अध्यक्ष, नोएडा विकास मंच।