Move to Jagran APP

उल्लू पकड़ने के लिए तस्करों ने ग्रामीण क्षेत्र में डाला डेरा

मनोज शर्मा, जेवर : दीपावली आते ही पक्षी उल्लू की तस्करी में तेजी आ गई है। दिल्ली, नोएडा व गुड़गांव क

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 06:02 PM (IST)
उल्लू पकड़ने के लिए तस्करों 
ने ग्रामीण क्षेत्र में डाला डेरा

मनोज शर्मा, जेवर : दीपावली आते ही पक्षी उल्लू की तस्करी में तेजी आ गई है। दिल्ली, नोएडा व गुड़गांव के लोग उल्लू की तस्करी के लिए जेवर के जटटारी व अलीगढ़ के गांवों की खाक छान रहे हैं। उल्लू पकड़ने के लिए ग्रामीणों का सहारा लिया जा रहा है। इसकी एवज में पांच सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक प्रलोभन दिया जा रहा है।

loksabha election banner

धन की देवी लक्ष्मी का वाहन होने के कारण दीपावली से पूर्व उल्लू लोगों की पसंद बन गया है। इसका कारण है कि दीपावली के दिन लोग उल्लू के दर्शन को शुभ मानते हैं। लोगों का मानना है कि दीपावली के दिन उल्लू के दर्शन से धन-धान्य में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही कुछ ऐसे भी हैं जो दीपावली के दिन उल्लू की बलि देना शुभ मानते हैं। इस कारण किसी भी कीमत पर इसे हासिल करना चाह रहे हैं। कुछ लोग इसे मूर्खता की पहचान के नाम से जानते हैं तो कुछ जादू-टोना वाले पक्षी के रूप में। लेकिन उल्लू की बढ़ती माग उसकी जान पर भारी भी पड़ रही है। बढ़ती मांग को देखते हुए तस्करों ने ग्रामीण क्षेत्रों में डेरा डाल दिया है। उल्लू पकड़ने के लिए ग्रामीणों से संपर्क किया जा रहा है। सौदे के हिसाब से अलग-अलग दाम तय किए जा रहे हैं। उल्लू का पकड़ने के लिए ग्रामीण अपने-अपने काम में लग गए हैं। पेड़ों पर मांस के टुकड़े लटकाकर उल्लू के आने का इंतजार कर रहे हैं। इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है। उल्लू को पकड़ने के लिए रात भर जागकर पैसे कमा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.