कावेरी प्रकरण : बिल्डर का पता तलाश रहे निवेशक
जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-84 स्थित इलाबांस गांव में निर्माणाधीन कावेरी अपार्टमेंट के गिरने क
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सेक्टर-84 स्थित इलाबांस गांव में निर्माणाधीन कावेरी अपार्टमेंट के गिरने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। फ्लैट बुक कराने वाले निवेशक अब साइट पर जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचने लगे हैं।
साइट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड से कंपनी के वास्तविक कार्यालय की जानकारी हासिल करने में जुटे हैं, लेकिन मौके पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड कंपनी के बारे में जानकारी देने में अपनी असमर्थता जता रहे हैं। जिससे निवेशकों को दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है।
इस कारण निवेशक खुद ही अपने-अपने संपर्क के आधार पर कंपनी के अधिकारियों व मालिकों की तलाश में जुट गए हैं। जिसमें यह सामने आ रहा है कि इस प्रोजेक्ट में एक नहीं, बल्कि तीन मालिक हैं। लेकिन तीनों मालिकों का कोई भी नाम व नंबर देने में अपनी असमर्थता जता रहा है।
निवेशकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कावेरी अपार्टमेंट के निर्माण में अभी असली मालिक का ही नहीं पता चल पा रहा है। जिससे अब पूंजी डूबने की आशंका हो गई है। जिन बिचौलियों ने यहां फ्लैट बुक कराया गया है। उसके मुताबिक तीन मालिक इस प्रोजेक्ट पर बताए जा रहे हैं, लेकिन कोई भी बिचौलिया किसी भी स्थिति को स्पष्ट करने में नाकाम है। जिससे निवेशकों में लगातार नाराजगी बढ़ रही है। निवेशकों का कहना है कि यहां पर बनने वाले करीब 700 से अधिक फ्लैट में से 50 फीसद फ्लैट बुक होने की बात बिचौलियों की ओर से कही जा रही है। ऐसे में इस प्रोजक्ट पर जिन-जिन लोगों ने निवेश किया है। उन सभी निवेशकों को आपस में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे प्रोजेक्ट पर सही जानकारी हासिल हो सके।
निवेशकों ने बताया कि प्रोजेक्ट साइट पर प्राधिकरण की ओर से जिस प्रकार का नोटिस चस्पा किया गया है। उसके हिसाब से सात अक्टूबर तक निर्माणाधीन बिल्डर गिरा दी जाएगी, जबकि बिल्डर की ओर से जो निवेशकों के पास सूचना भेजी गई है। इसमें आठ अक्टूबर को सिविल कोर्ट में सुनवाई होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में निर्माणाधीन बिल्डर के गिरने का समय सुनवाई से पहले है। इस बात को लेकर निवेशक बहुत अधिक आशंकित है।
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बिल्डर के स्टे की काट तलाशनी शुरू : प्राधिकरण कावेरी बिल्डर की ओर से पजेशन पर लिए गए स्टे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से मंथन करने में जुटा है। इसको लेकर मंगलवार को प्राधिकरण में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट वकीलों के साथ कई घंटे तक अधिकारियों की बातचीत हुई। जिसमें यह देखा गया कि बिल्डर की ओर से कब जिला पंचायत से नक्शा पास कराया, कब पजेशन के लिए सिविल कोर्ट में स्टे लिया गया है, पजेशन स्टे के समय किन-किन मामलों को कोर्ट ने दरकिनार किया, किन पहलुओं के आधार पर बिल्डर को राहत दी गई। यहीं नहीं, जिला पंचायत से पास नक्शे के आधार पर किसी प्रकार से प्राधिकरण को दिक्कत हो सकती है। इसके कई पहलुओं को टटोलने का प्रयास किया गया। प्राधिकरण अधिकारियों से इस बैठक से संबंधित बात की गई तो उनका कहना था कि तीन दिन की छुट्टी पड़ रही है। इसमें पूरी तरह से इस मामले पर अध्ययन किया जाएगा। जिससे आठ अक्टूबर की तारीख पर प्राधिकरण का मजबूती से पक्ष रखा जा सके।
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बिल्डर को किसी भी प्रकार से इस मामले पर राहत नहीं दी जाएगी। जिस प्रकार का नोटिस जारी किया गया है। उसी के आधार पर कार्रवाई होगी। अब कोर्ट में मामला पहुंचने पर कोर्ट के आदेश आने का इंतजार तो करना होगा।
-वीके पवार, एसीईओ, नोएडा प्राधिकरण।