हिंदी बचाओ आंदोलन चलाने का किया आह्वान
जागरण संवाददाता, नोएडा : बरौला सेक्टर-49 के साहित्य सदन में साहित्य वेलफेयर कल्चरल एंड स्पोर्ट्स के तत्वावधान में सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एनसीआर के अलावा दूरदराज से आए कवियों व साहित्यकारों ने शिरकत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाल सिंह शास्त्री और संचालन युवा कवि अभिमन्यु पांडे ने किया। सुविख्यात हास्य कवि उपेंद्र मिश्र को साहित्य श्री उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गुलावठी से आए केपी शास्त्री ने सरस्वती वंदना से की। फेडरेशन के चेयरमैन कवि पंडित साहित्य कुमार चंचल ने हिंदी को हिंदुस्तान की माथे की बिंदी करार दिया। सभी साहित्यकारों से हिंदी बचाओ आंदोलन चलाने के लिए कहा। हास्य व्यंग कवि उपेंद्र मिश्र ने कुछ इस तरह पाठ किया कि हमने कुछ क्रिकेटरों की पत्नी से पूछा, इनका भविष्य अब इन्हें कहां ले जाएगा, कुछ नहीं अब ये घर में चौका लगाएंगे, बल्ला कपड़े धोने के काम आएगा। ताबिश खैराबादी ने, जुर्म मोहब्बत तो सजा क्यों नहीं देते, मुजरिम है सरे दार चढ़ा क्यों नहीं देते। कवि सुशील शर्मा ने कहा कि अपनी लाडली बिटिया को कुछ दिन बुलवा लो पापाजी, रोज-रोज के झगड़ों से तुम हमें बचा लो पापाजी। पंडित साहित्य चंचल ने भी कविता पाठ किया।