फर्जीवाड़े को बसपा सांसद ने किया खारिज
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
गाड़ी नंबर बुक करने के नाम पर परिवहन विभाग द्वारा चूना लगाने या ठगी किए जाने की चर्चा पूरी तरह अफवाह हैं। परिवहन विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा करने की कोई बात नहीं। शनिवार को ये बातें बसपा के राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र कश्यप के बेटे सिद्धार्थ कश्यप ने कही। वहीं एआरटीओ कमल गुप्ता ने भी चूना लगाने की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया है।
सिद्धार्थ कश्यप ने बताया कि ऑडी कार के लिए अगस्त माह में मैने ऑनलाइन नंबर बुक किया था। बुकिंग की रसीद लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंचने पर जानकारी मिली कि वह नंबर पहले ही किसी और को मिल चुका है। इसके बाद मैने दूसरा नंबर ले लिया। सिद्धार्थ कश्यप ने बताया कि मैंने परिवहन विभाग के अफसरों से पहले नंबर की बुकिंग राशि वापस करने के लिए सिस्टम चेक कराया तो पता चला कि धनराशि परिवहन विभाग के खाते में पहुंची ही नहीं थी। सिद्धार्थ कश्यप के मुताबिक छानबीन में पता चला कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने के चलते मेरे खाते से तो पैसे कट गए थे लेकिन क्योंकि वो नंबर पहले से दूसरे को अलॉट हो चुका था। इसलिए बुकिंग राशि परिवहन विभाग के खाते में नहीं पहुंच सकी थी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में इस तरह अकाउंट से पैसा कटने पर 45 दिन के भीतर बैंक द्वारा पैसा अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। लिहाजा बुकिंग राशि के नाम पर परिवहन विभाग द्वारा तीन हजार रुपये की चूना लगाने की बात पूरी तरह गलत है।
एआरटीओ प्रशासन कमल प्रसाद गुप्ता ने बताया कि राज्यसभा सांसद का यह कोई पहला मामला नहीं है। इस तरह के मामले रोज सामने आते रहते हैं। ऐसे मामलों में बैंक निश्चित समयावधि के भीतर अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर देता है। उन्होंने कहा कि जब परिवहन विभाग के खाते में पैसा पहुंचा ही नहीं तो फिर वापस करने का सवाल ही नहीं उठता।
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मेरे बेटे ने कार के लिए नंबर बुक किया था। उसने मुझे बताया कि बैंक के टेक्निकल फॉल्ट के चलते पैसा अकाउंट से कट गया है, जो निश्चित समयावधि में वापस आ जाएगा। परिवहन विभाग के खाते में कोई रकम ट्रांसफर नहीं हुई है। परिवहन विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा करने या चूना लगाने की बात पूरी तरह गलत हैं। यह बेवजह का मामला है और इस तरह के मामलों को मैं कतई तूल नहीं देना चाहता।
- नरेंद्र कश्यप, राज्यसभा सांसद