बसपा के परंपरागत वोटरों पर पैनी नजर
रमेश मिश्र, नोएडा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुनाव मैदान में नहीं उतरने से नोएडा विधानसभा के उपचुनाव में एक बड़ी राजनीतिक रिक्तता आ गई है। इस बात से कतई मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि गौतमबुद्ध नगर में बसपा का एक बड़ा परंपरागत वोट है। यह बसपा की गाढ़ी कमाई है। ऐसे में एक धर्मसंकट बसपा के उन परंपरागत मतदाताओं के समक्ष भी खड़ा हो गया है कि इस सूरते हाल मे आखिर वह अब किधर जाएं? यह स्थिति तब और जटिल हो गई कि जब बसपा ने किसी भी अन्य दल को अपना समर्थन नहीं दिया है। उधर, अन्य दल बसपा के इन मतदाताओं की ओर बड़ी ललचाई निगाहों से देख रहे हैं।
डोरे डालने की होड़
इस पर भाजपा की पैनी नजर है। वह इस मौके को कतई नहीं गंवाना चाहती। भाजपा यह मानकर चल रही है कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा एक-दूसरे के नैसर्गिक विरोधी दल हैं। ऐसे में बसपा का यह पंरपरागत वोट तो सपा की झोली में कदापि नहीं जा सकता। कांग्रेस को उसकी बहुत फिक्र नहीं सता रही है। ऐसे में भाजपा को यह लगता है कि इन वोटरों को अपनी ओर आसानी से मोड़ा जा सकता है। इसी के मद्देनजर एक उपचुनाव में बाकायदा एक सेल का गठन किया है, जो बसपा के वोट बैंक पर खास ध्यान दे रहा है। एक रणनीति के तहत इसके लिए सेल बना दिया है।
गुड्डू पंडित ने संभाला मोर्चा
बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए विधायक गूड्डू पंडित को भी अपने पूराने बसपाइयों की यादें तेज हो गई हैं। उन्होंने बसपा कैडर को रिझाने के लिए अब एक नया मोर्चा खोल दिया है। पुराने बसपाई होने के कारण उनकी यहां बसपा कैडर में अच्छी खासी पकड़ है। इसी के सहारे वह बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में हैं। उनके लिए यह राह इसलिए आसान हो गई कि क्योंकि बसपा यहां से चुनाव नहीं लड़ रही है। हालांकि, सपा ने अपने स्तर पर इसके लिए कोई खास रणनीति नहीं बनाई है, लेकिन गुड्डू पंडित ने अपने दम पर इस वोट बैंक में सेंध लगाने में जुट गए हैं।
कांग्रेस ने भी भरा दम
कांग्रेस भी पीछे रहने वाली नहीं है, उसने भी कमर कस ली है। बसपा का खाली पड़ा वोट बैंक उसे भी खूब लुभा रहा है। इसके लिए कांग्रेस ने एक खास रणनीति तैयार की है। सूत्रों के मुताबिक, यहां के एक स्थानीय विधायक ने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए इस वोट बैंक को उनके पक्ष में करने का भरोसा दिलाया है। कांग्रेस उन्हीं के भरोसे बसपा वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगाड़ में है।
मतदाताओं को मझधार में छोड़ा
बसपा के मतदाता भ्रम की स्थित में हैं। उनको नहीं समझ में आ रहा कि वह किधर जाएं। बसपा ने अपने परंपरागत मतदाताओं को बीच मझधार में छोड़कर उपचुनाव को लड़ने से मना कर दिया। हालांकि, रविवार को लखनऊ में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बहुजन समाज पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी और राज्यों के पदाधिकारियों-प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में बसपा सुप्रीमो निर्दलीय प्रत्याशियों को वोट देने की बात कही है। इससे बसपा मतदाताओं का भ्रम कुछ हद तक खत्म हो सकता है। ऐसे में नोएडा विधानसभा के उपचुनाव में मतदान पर बसपा मतदाता का रुख इस बात पर निर्भर करेगा कि सपा, भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी किस तरह मतदाताओं को अपनी ओर कर पाते हैं।