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21 हजार आवंटियों को भूखंड मिलने का रास्ता होगा साफ

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 09:06 PM (IST)
21 हजार आवंटियों को भूखंड मिलने का रास्ता होगा साफ

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

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प्रदेश कैबिनेट द्वारा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने के फैसले पर मोहर लगाने के बाद 21 हजार आवंटियों को बड़ी राहत मिली है। किसानों के साथ जमीन के मुआवजे का विवाद सुलझने के बाद आवंटियों को भूखंड पर कब्जा मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। जमीनी विवाद से आवंटियों को भूखंडों पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। इससे उनके आशियाने के सपने पर भी ग्रहण लगा हुआ था।

यमुना प्राधिकरण ने 2009 में जमीन अधिगृहीत कर दो आवासीय सेक्टर 18 व 20 में 21 हजार भूखंडों की योजना निकली थी। चार वर्ष के अंदर आवंटियों को भूखंडों पर कब्जा दिया जाना था। प्राधिकरण ने सेक्टरों का आंतरिक विकास शुरू ही किया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2011 को नोएडा, ग्रेटर नोएडा के किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे देने का निर्देश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। भट्टा पारसौल गांव से शुरू हुआ आंदोलन समूचे देश में चर्चा का विषय बन गया था। किसानों ने सेक्टरों का आंतरिक विकास भी शुरू नहीं होने दिया। इससे आवंटियों को निर्धारित समय अक्टूबर 2013 में भूखंडों पर कब्जा नहीं मिल सका।

निवेशकों को भी राहत

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सौ से अधिक संस्थागत, आइटी व बिल्डर परियोजनाओं को भी जमीन आवंटित की गई है। ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों में हजारों निवेशकों ने फ्लैटों की बुकिंग करा रखी है। जमीनी विवाद में इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पा रहा था। इससे निवेशकों को फ्लैटों पर कब्जा मिलने में देरी हो रही थी। जमीन पर कब्जा मिलने का रास्ता साफ होने के बाद इन निवेशकों के आशियाने का सपना भी जल्द साकार हो सकता है।

पांच हजार किसान होंगे लाभांवित

प्रदेश कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सालारपुर, मूंज खेड़ा, भट्टा पारसौल, मिर्जापुर, आछेपुर, अच्छेजा बुजुर्ग आदि 30 गांवों के करीब पांच हजार किसानों को अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा।

प्राधिकरण पर पड़ेगा छह हजार करोड़ रुपये का भार

जमीन अधिग्रहण के बाद प्राधिकरण किसानों को मूल मुआवजा दे चुका है। पूर्व में दी गई धनराशि पर किसानों को अब 64.7 फीसद और मुआवजा देना होगा। इससे प्राधिकरण पर करीब छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

आवंटियों से वसूलेगा अतिरिक्त राशि

किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए प्राधिकरण आवंटियों से अतिरिक्त धनराशि और वसूलेगा। धनराशि कितनी वसूली जाएगी, इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार आवंटियों से करीब 13 सौ रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से राशि वसूल सकता है।

बोर्ड बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव

प्रदेश कैबिनेट द्वारा अतिरिक्त मुआवजे को मंजूरी देने के बाद इस प्रस्ताव को अब प्राधिकरण बोर्ड के सामने रखा जाएगा। बोर्ड की मुहर लगने के बाद मुआवजा वितरण शुरू होगा। आवंटियों से कितने रुपये प्रति वर्ग मीटर के और वसूले जाएंगे, यह निर्णय भी बोर्ड में ही होगा।

अदालत से मामले वापस लेने पर ही मिलेगा मुआवजा

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जिन गांवों के किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ याचिकाएं डाल रखी हैं, उन्हें पहले अदालत से अपनी याचिकाएं वापस लेनी होंगी। तभी प्राधिकरण अतिरिक्त मुआवजा बांटना शुरू करेगा, जिन किसानों ने याचिकाएं नहीं डाली है, उन्हें प्राधिकरण को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह जमीन अधिग्रहण को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं देंगे।

सिंतबर में होगी बोर्ड बैठक

प्राधिकरण सिंतबर के दूसरे व तीसरे सप्ताह में बोर्ड बैठक आयोजित करेगा। इसके बाद ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।


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