डीएमआइसी और नाइट सफारी का निर्माण कार्य जल्द
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर (डीएमआइएसी) व नाइट सफारी के निर्माण की अड़चनों को दूर करने के लिए शुक्रवार को बैठक हुई। निर्णय लिया गया कि तीन माह के अंदर अड़चनों को दूर कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। सबसे पहले बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के समीप से स्थानांतरित किए जाने वाले मकानों का मामला सुलझाया जाएगा। वन विभाग की जमीन पर पेड़ों के कटान की अनुमति में आ रही अड़चनों को भी दूर किया जाएगा।
मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट से ग्रेटर नोएडा तक बनाए जाने वाले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर का निर्माण बाकी राज्यों में शुरू हो चुका है। गौतमबुद्धनगर में इसके निर्माण में देरी हो रही है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का निर्माण भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बोड़ाकी रेलवे स्टेशन से गुलिस्तानपुर गांव स्थित वन विभाग के घने जंगल से होकर गुजरेगा। इसके लिए करीब साढ़े तीन हजार पेड़ काटने पड़ेंगे। इसके बदले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वन विभाग की जमीन पर दो गुणा पेड़ लगाकर देगा। हालांकि, जिलास्तर से वन विभाग पेड़ काटने की अनुमति शासन को भेज चुका है। शासन स्तर से रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से अभी मंजूरी मिलना बाकी है। डीएमआइसी और प्राधिकरण अधिकारी शासन स्तर पर संयुक्त प्रयास कर मंजूरी में आ रही अड़चनों को दूर करेंगे। प्रगति की समीक्षा बैठक में डीएमआइसी के सीईओ तलिन कुमार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओएसडी मथु शालिनी व महाप्रबंधक नियोजन नीलू सहगल भी मौजूद रही।
नाइट सफारी का निर्माण तीन माह के अंदर होगा शुरू
नाइट सफारी के निर्माण की अड़चनों को दूर करने के लिए भी प्राधिकरण में बैठक हुई। निर्माण के लिए डेवलपर्स की नियुक्ति होनी है। यह कार्य यंग एंड अर्नेस्ट कंपनी को सौंपा गया है। कंपनी ने प्राधिकरण अधिकारियों के सामने प्रस्तुतीकरण दिया। नाइट सफारी के डिजाइन आदि के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया। प्रदेश सरकार ने 2017 तक नाइट सफारी का निर्माण पूरा करने के निर्देश प्राधिकरण को दिए हैं। हालांकि, प्राधिकरण स्तर से निर्माण कार्य में देरी हो रही है। बैठक में निर्णय निर्णय लिया गया कि तीन माह के अंदर सभी अड़चनों को दूर का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। एसीईओ हरीश कुमार वर्मा ने बताया कि नाइट सफारी के निर्माण में कोई बड़ी अड़चन नहीं है। छोटी-मोटी अड़चन शीघ्र दूर कर दी जाएंगी।