डकैती की वारदात में उलझी पुलिस
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:
दादरी कोतवाली क्षेत्र के चिटहेरा गांव में हुई डकैती की घटना को लेकर पुलिस भी उलझ गई है। यही वजह है कि परिवार के मुखिया की हत्या व चार लोगों को घायल करके लूटपाट की इस सनसनीखेज वारदात में चार दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। कच्छा बनियान पहने हुए बदमाशों द्वारा बातचीत में स्थानीय बोलचाल के शब्दों का प्रयोग करना और जाते वक्त चलो काम हो गया कहना पुलिस को कुछ अखर सा रहा है। पुलिस को मामले में स्थानीय बदमाशों की भूमिका लग रही है। लिहाजा पुलिस ने रंजिश के बिंदु से भी जांच शुरू कर दी है।
शुक्रवार देर रात चिटहेरा निवासी संतराम भाटी की हत्या कर बदमाशों ने उनके बेटा और बहू समेत परिवार के चार सदस्यों को घायल कर दिया था। घायलों की अस्पताल से छुट्टी हो गई है।
परिजनों से पूछताछ में सामने आया है कि बदमाश घर से कोई कीमती सामान उठाकर अपने साथ नहीं ले गए। महिलाओं के जिन जेवरों को वह लेकर गए वह भी नकली हैं। परिजनों ने बताया है कि बदमाशों ने कच्च्छा बनियान पहनी थी और सभी स्थानीय बोली बोल रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार वारदात में चार से पांच बदमाश शामिल थे। यह थोड़ा अखरने वाली बात है। क्योंकि देखा गया है कि कच्च्छा बनियान गिरोह में उसके सदस्यों की च्च्छी खासी तादात होती है। गांववालों से वह टक्कर लेने से कभी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा बाबरिया एवं सांसी जनजाति के बदमाश ही अधिकतर कच्च्छा बनियान में वारदात करते हैं। वारदात के दौरान शरीर पर वह तेल या चिकनाई लगाकर रखते हैं ताकि यदि कोई पकड़ने की कोशिश करे तो हाथ फिसल जाए। यह लोग अपनी बोली में ही बात करते हैं। इससे पुलिस मान रही है कि वारदात के बाद जांच की दिशा बदलने के लिए कहीं किसी ने कच्च्छा बनियान गिरोह का नाटक तो नहीं किया? हालांकि पुलिस कच्च्छा बनियान पहनकर वारदात करने वाले गिरोहों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।
आपसी रंजिश को ध्यान में रखकर जांच
डकैती की इस वारदात में रुपया नहीं लूटा गया। एक-दो गहने गए हैं, वह भी नकली थे। घटना को अंजाम देने वाले बदमाश एवं कच्च्छा-बनियान गिरोह के तरीके में समानता नहीं है। जांच की जा रही है पीड़ित परिवार की किसी से कोई दुश्मनी तो नहीं थी। वहीं उनके मकान में किराए पर रहने वाले लोगों के संबंध में भी जांच पड़ताल की जा रही है।
अनुराग सिंह, सीओ दादरी