कार्य शुरू करने के लिए आयोग से अनुमति मांगेगा प्राधिकरण
- करीब डेढ़ माह से ठप है शहर में विकास कार्य
- एक माह और लगेगा अभी आचार संहिता हटने में
संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
गौतमबुद्धनगर लोकसभा का चुनाव दस अप्रैल को संपन्न हो चुका है, लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से प्राधिकरण के रुके विकास कार्य अभी शुरू नहीं हो पा रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ माह से प्राधिकरण में कामकाज ठप है। योजनाओं के लिए दूसरे स्रोतों से आने वाली धनराशि भी प्राधिकरण को नहीं मिल पा रही है। समूचे देश में चुनाव आचार संहिता एक साथ 16 मई को मतगणना समाप्ति के बाद हटेगी। तब तक निर्माण एवं विकास कार्य अधर में अटके रहेंगे। गौतमबुद्धनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिकांश सीटों पर चुनाव हो चुका है, इसलिए प्राधिकरण अब निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की निर्माण प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगेगा। आयोग ने अनुमति दे दी तो एक सप्ताह के अंदर प्राधिकरण निर्माण कार्य शुरू कर देगा।
दरअसल आचार संहिता लागू होने से पहले प्राधिकरण नोएडा से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो लाने, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर (डीएमआइसी) व नाइट सफारी का निर्माण शुरू करने की कवायद शुरू की थी। फाइलों में इसके लिए प्रक्रिया काफी आगे बढ़ गई थी। सिर्फ धरातल पर निर्माण शुरू होना था, लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही प्रक्रिया जहां की तहां रुक गई। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा को नोएडा व गाजियाबाद से जोड़ने के लिए बनाई जा रही 130 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य, कुलेसरा हिंडन नदी पर एक और पुल का निर्माण, सूरजपुर-कासना मार्ग पर तीन जगहों पर फुट ओवर ब्रिज बनाने की योजना भी अधर में रुक गई। जनहित की इन योजनाओं का निर्माण समय से पूरा हो जाए तो लोगों को सुविधा होगी। गौतमबुद्ध नगर समेत पश्रि्वचमी उत्तर प्रदेश की दस सीट पर दस अप्रैल को चुनाव हो चुका है। ग्यारह सीटों पर बृहस्पतिवार को वोट डाले गए। प्राधिकरण का मानना है कि इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू होने से अब कोई प्रभावित नहीं होगा। इसलिए आयोग से इनका निर्माण कार्य शुरू कराने की अनुमति मांगकर कार्य शुरू कराया जा सकता है। उधर, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण क्षेत्र में तमाम सड़कों का निर्माण कार्य बंद है। इन सड़कों के निर्माण से भी लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
आचार संहिता की वजह से तमाम कार्य ठप हैं। यहां चुनाव संपन्न हो चुका है। प्राधिकरण की कोशिश है कि आयोग की मंजूरी लेकर अधूरे कार्य शुरू करा दिए जाएं।
-रमा रमण, चेयरमैन व सीईओ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण