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कहीं पीआरडी जवान, कहीं चौकियां पड़ीं वीरान

जानसठ : पहले चरण का विस चुनाव समाप्त होने के बाद जनपद की पुलिस के दूसरे जनपदों में चुनाव ड्यूटी

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 12:09 AM (IST)
कहीं पीआरडी जवान, कहीं चौकियां पड़ीं वीरान
कहीं पीआरडी जवान, कहीं चौकियां पड़ीं वीरान

जानसठ : पहले चरण का विस चुनाव समाप्त होने के बाद जनपद की पुलिस के दूसरे जनपदों में चुनाव ड्यूटी में जाने के बाद क्षेत्र की अधिकतर पुलिस चौकियां वीरान हो गई हैं। कहीं सिपाहियों की जगह पीआरडी जवान तैनात किए गए हैं तो कहीं पुलिसकर्मियों के भाव में चौकियों पर ताले लटके हैं। पहले से पुलिस कर्मियों की कमी से जूझ रहे महकमे में चुनाव की ड्यूटी ने सुरक्षा का ताना-बाना और बिगाड़ दिया है।

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विस चुनाव से पहले ही जानसठ सर्किल के जानसठ, मीरापुर व रामराज समेत सिखेड़ा थाना भी पुलिसकर्मियों की कमी से जूझ रहे थे। पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को कराने के बाद उक्त सभी थानों से अधिकतर पुलिसकर्मी प्रदेश के दूसरे जनपदों में चुनाव कराने चले गए और वहां लगातार चुनाव ड्यूटी कर रहे हैं। इसके चलते लगभग सभी पुलिस चौकियां वीरान पड़ी हुई हैं। पुलिसकर्मियों के अभाव में इन चौकियों पर ताले लटके हैं। हालांकि क्षेत्र में कोई आपराधिक वारदात तो नहीं हुई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था रामभरोसे है। इसका फायदा अवैध धंधा करने वाले खूब उठा रहे हैं। वे चौकियों के सामने से बेखौफ होकर आवागमन कर रहे हैं।

मुट्ठीभर सिपाहियों के कंधे पर सुरक्षा का जिम्मा

क्षेत्र के मीरापुर, रामराज, सिखेड़ा व जानसठ थाना क्षेत्रों में विस चुनाव के बाद कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई, लेकिन अवैध धंधा करने वाले बेखौफ होकर क्षेत्र की सड़कों पर आवागमन कर रहे हैं। वर्तमान में उक्त थानों में प्रत्येक पर थाना इंचार्ज के अलावा, दो दारोगा और करीब आधा दर्जन सिपाही ही तैनात हैं। अब ऐसे में अधिकारी इन सिपाहियों को थाने में तैनात करें या फिर पुलिस चौकियों पर?

कहीं पीआरडी के जवान तो कहीं लटके ताले

उक्त चारों थानों की बात करें तो कुल नौ पुलिस चौकियां हैं, जबकि रामराज थाने की एक और सिखेड़ा थाने की दो चेकपोस्ट हैं। रामराज थाने की गंगा बैराज पुलिस चौकी पर पीआरडी के एक या दो जवान कभी-कभी दिखाई दे जाते हैं। शेष सभी चौकियां वर्तमान में बंद पड़ी हैं।

ये है मानक

पुलिस विभाग के मानकों के मुताबिक, प्रत्येक थाने में प्रभारी के अलावा एक एसएसआइ, 10 दारोगा और 120 सिपाहियों की तैनाती होनी चाहिए। वर्तमान में दारोगा और सिपाहियों का मानक पूरी तरह धड़ाम है। थानों में मानकों के मुताबिक करीब आधे ही दारोगा तैनात हैं। सिपाहियों की संख्या तो मानकों के क्रम में एक चौथाई ही है।

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विस चुनाव समाप्त होने तक पुलिसकर्मियों की समस्या बनी रहेगी। कुछ पुलिस चौकियों को एसआइ आदि कवर करते हैं और कई चौकियों पर पीआरडी के जवान भी तैनात किए हैं। कोशिश है कि क्षेत्र में अपराध न हो।

एसकेएस प्रताप, सीओ जानसठ


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