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सीएचसी पर प्रसूता व नवजात की मौत पर हंगामा

खतौली (मुजफ्फरनगर): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जन्मे एक नवजात की मौत हो गई। उसके बाद प्रसूता क

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 11:26 PM (IST)
सीएचसी पर प्रसूता व नवजात की मौत पर हंगामा
सीएचसी पर प्रसूता व नवजात की मौत पर हंगामा

खतौली (मुजफ्फरनगर): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जन्मे एक नवजात की मौत हो गई। उसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने पर उसे मेरठ के निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार को प्रसूता की मौत हो गई। इससे गुस्साए भैंसी के ग्रामीणों ने सीएचसी में शव को रख हंगामा किया। उन्होंने चिकित्सकों की लापरवाही से महिला और नवजात की मौत का आरोप लगाया।

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भैंसी गांव निवासी सोनम पत्नी संगीत को आठ जनवरी को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाया गया था। यहां उसने पुत्र को जन्म दिया, जिसकी घंटे बाद मौत हो गई। इसके बाद सोनम की हालत बिगड़ गई तो उसे मुजफ्फरनगर रेफर किया गया था। वहां भी हालत में सुधार न होने पर उसे मेरठ रेफर कर दिया गया। परिजनों ने उसके निजी हास्पिटल में भर्ती कराया था। जहां शुक्रवार की शाम उसकी मौत हो गई। परिजन व ग्रामीण रात को शव को लेकर अस्पताल पहुंचे और शव रखकर हंगामा किया। उन्होंने सीएचसी के चिकित्सकों की लापरवाही से महिला और नवजात की मौत का आरोप लगाया और मेरठ के हास्पिटल में इलाज में हुए खर्च की मांग की। इंस्पेक्टर अंबिका प्रसाद ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को इलाज पर हुए खर्च तथा सीएमओ को बुलवाने की मांग की। ग्राम प्रधान सुनील कुमार की तहसीलदार से बात हुई। उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलवाने का भरोसा दिया। इस पर ग्रामीण शांत हुए और शव को ले गए।

भाई के नवजात की हुई थी मौत

खतौली: संगीता ने बताया कि उसकी भाभी को करीब एक माह पहले प्रसव होने पर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बच्चे की भी मौत हो गई थी। उसके बाद सोनम और उसके नवजात की मौत हुई है।

ट्रामा सेंटर चालू न होने से रोष

प्रधान सुनील कुमार का कहना है कि खतौली में ट्रामा सेंटर बनाया गया है, लेकिन उसे चालू नहीं किया है। मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में लेना पड़ता है। सोनम की मौत कारण उसे समय पर उपचार न मिलना रहा है। उसका परिवार मजदूरी करता है। लाखों रुपये उसके इलाज पर खर्च हुए है। उसके बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी।

ग्रामीणों ने किया था चंदा एकत्र

भैंसी के ग्रामीणों का कहना है कि सोनम के उपचार में काफी रुपये लगे। शुक्रवार को चिकित्सक ने रुपये देने पर ही शव देने को कहा था। ग्रामीणों ने चंदा कर मेरठ रुपये भिजवाए। उसके बाद शव को अस्पताल लाया गया।

इनका कहना है

महिला को 8 जनवरी को अस्पताल लाया गया था। प्रसव के दौरान उसे खून नहीं रुका था। उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था।

- डा. राजीव निगम, चिकित्कसा अधीक्षक सीएचसी खतौली।


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