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गोकशों के सामने नतमस्तक खाकी का इकबाल

मुजफ्फरनगर : जरायम की राजधानी में पुलिस जहां लूट, हत्या और डकैती की वारदातों से जूझ रही है वहीं अब

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 11:50 PM (IST)
गोकशों के सामने नतमस्तक खाकी का इकबाल
गोकशों के सामने नतमस्तक खाकी का इकबाल

मुजफ्फरनगर : जरायम की राजधानी में पुलिस जहां लूट, हत्या और डकैती की वारदातों से जूझ रही है वहीं अब गोकशों से पार पाने में पुलिस को पसीना आ गया है। स्थिति यह है कि पुलिस गोकशी की जानकारी पर जहां भी छापेमारी कर रही है, हर जगह गोकश पुलिस पर हमला कर रहे हैं। शेरपुर से लेकर खालापार, काटका से लेकर छपार तक पुलिस पर हमले इसकी तस्दीक करते हैं कि गोकशों के सामने पुलिस का इकबाल बौना साबित हो रहा है। शेरपुर की वारदात के बाद पुलिस अपना इकबाल बचाने की जद्दोजहद में जुटी है।

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जरायम की राजधानी का बदनुमा दाग अपने चेहरे पर लिए जनपद में हाल ही में लूट, हत्या और डकैती की ताबड़तोड़ वारदातों ने पुलिस की नींद उड़ा कर रख दी है। हाल ही में बैंक डाका समेत लूट और हत्या की कई वारदातों का राजफाश करने में पुलिस को पसीना आ गया। इसके इतर अब गोकशों को काबू करने में पुलिस एड़ी-चोटी तक का जोर लगा रही है, लेकिन हमलावर हो चुके गोकशों को पकड़ना तो दूर पुलिस उनसे जान बचाकर भाग रही है। पिछले एक माह में गोकशी की ताबड़तोड़ वारदात इशारा कर रही हैं कि जनपद में गोकशी जारी है। इतना ही नहीं गोकशी की जानकारी पर पहुंचने वाली पुलिस पर पथराव और फाय¨रग गोकशों के नापाक मंसूबों को जाहिर करने के लिए काफी हैं। शेरपुर, काटका, छपार और खालापार समेत कई स्थानों पर गोकशी की जानकारी पर पहुंची पुलिस को जान बचाने के लाले पड़ रहे हैं। लोगों की मानें तो पुलिस पर हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न होने से गोकशों का दुस्साहस बढ़ा है और वह पुलिस पर हमला करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

खालापार में सरेआम काट दी थी गाय

गोकशों के दुस्साहस का आलम यह है कि चार दिन पहले गोकशों ने खालापार में सरेराह गाय काट दी थी। जानकारी पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आरोपी भाग चुके थे। यही स्थिति काटका, छपार, शेरपुर समेत अन्य स्थानों पर भी हो चुकी है। शेरपुर प्रकरण में पुलिस ने 20 नामजद और 230 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन मात्र पांच लोगों को जेल भेजने के बाद पुलिस ने मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। नतीजा पुलिस पर दोबारा हमले के रूप में सबके सामने है। कमोबेश यही हाल छपार व अन्य स्थानों पर हुए मुकदमे का है।

बवाल का सबब बन रही गोकशी

कस्सावान में मंगलवार को गोकशी के विरोध में पुलिस टीम पर हमला बानगी है। इससे पहले भी गोकशी जनपद में बवाल का सबब बन चुकी है। चार महीने पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के खालापार मोहल्ले में गोकशी की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी की थी। पुलिस ने मौके से बड़ी संख्या में गोवंश व कटड़े बरामद किए थे। इसी बीच शरारती तत्वों ने पुलिस से मारपीट कर दी थी। दो साल पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के खालापार में ही गोकशी पकड़ने गए दारोगा की भीड़ ने वर्दी तक फाड़ दी थी। इसके अलावा मीरापुर, शाहपुर, भोपा व जानसठ क्षेत्र के कई गांव में गोकशी को लेकर बवाल हो चुका है। बीते साल गोकशी पर सख्ती करने वाले एक दारोगा पर धार्मिक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। उपद्रवियों ने पुलिस चौकी पर पथराव और तोडफोड़ कर दी थी।


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