जरायम की नगरी में मौत का सफर
संदीप चौधरी, मुजफ्फरनगर जरायम की राजधानी के नाम से बदनाम जिले में अदावत के साथ हादसों में भी बड़ी स
संदीप चौधरी, मुजफ्फरनगर
जरायम की राजधानी के नाम से बदनाम जिले में अदावत के साथ हादसों में भी बड़ी संख्या में लोग जान से हाथ धो रहे हैं। लगभग साठ किलोमीटर लंबा हाईवे जहां दुर्घटनाओं का सबब बना है वहीं संपर्क मार्गो पर भी हादसों की कमी नहीं है। स्थिति यह है कि इन हादसों में कई घरों के चिराग बुझ गए तो सैकड़ों दिव्यांग होकर बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं। बावजूद इसके न तो अफसरशाही जागी और न ही वाहन चालक। मौजूदा साल की बात करें तो जनपद की सड़कों पर हुई दुर्घटनाओं में लगभग 140 जान काल के गाल में समा गई।
जिले का नेशनल हाईवे इन दिनों खूनी हो चुका है। हाईवे लोगों के खून से प्यास बुझा रहा है। पलक झपकते ही मौत कब किस पर झपट्टा मार दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। मौजूदा साल में जिले में सौ से ज्यादा हादसों में 140 महिला-पुरुष व बच्चे जान से हाथ धो चुके हैं। लगभग इतने ही इन हादसों में दिव्यांग होकर बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं। पड़ोसी जनपद मेरठ के बार्डर खतौली कोतवाली क्षेत्र के भंगेला पुलिस चौकी से पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की सीमा पर स्थित भूराहेड़ी चेकपोस्ट तक लगभग 60 किलो मीटर लंबा हाईवे जनपद की सीमा में आता है। शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब हाईवे पर हादसा न होता हो। कई बार तो हाईवे पर होने वाले हादसे इंसानी रूह कंपा देते हैं। पिछले चंद महीनों में कई ऐसे हादसे हुए है, जिनमें पूरा परिवार खत्म हो गया।
यहां मौत करती है तांडव
ऐसा भी नहीं है कि यातायात पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं हैं जनपद के हाईवे व संपर्क मार्गो पर यातायात विभाग ने ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं, लेकिन जल्दी जाने की आपाधापी में वाहन चालक नियम तोड़ने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। जिसका नतीजा हादसों के रूप में सामने आ रहा है।
1. रामराज नहर पुलिया
2. जानसठ रोड पर बहादुरपुर कट
3. हाईवे पर मंसूरपुर, बेगराजपुर व संधावली कट
4. मंसूरपुर क्षेत्र में हाईवे पर धौलापुल
5. हाईवे पर बिलासपुर, पचेंडा व बागोवाली बाइपास
7. जानसठ रोड पर सालारपुर, सिखेड़ा,
8. हाईवे पर छपार थाना क्षेत्र
9. हाईवे पर पुरकाजी में फलौदा कट
10. हाईवे पर सिसौना, वहलना कट
11. जानसठ रोड पर मीरापुर के पास टी प्वाइंट
जानलेवा बन रही बेकाबू रफ्तार
हाईवे व संपर्क मार्गो पर बेकाबू रफ्तार हादसों के सबब बन रही है। हाल ही में नई मंडी के जानसठ फ्लाइओवर पर हादसे में मेरठ के तीन युवकों की मौत हो गई थी। युवकों की गाड़ी की रफ्तार सौ किलोमीटर/घंटा से ज्यादा थी। पलक झपकते ही कार पीछे से ट्रक में घुस गई और तीनों की मौत हो गइ। चार दिन पहले छपार में हाईवे पर हाई स्पीड भी चार लोगों की जान लील गई थी। इसके अलावा दोपहिया वाहनों पर हेलमेट का परहेज व यातायात के नियमों का पालन न करना हादसों को दावत दे रहा है। इसके अलावा जनपद यातायात पुलिस के पास इंटरसेप्टर वाहन भी नहीं है। इतना ही नहीं यातायात माह नवंबर के अंतर्गत शहर से लेकर देहात तक गोष्ठी व कार्यक्रम का आयोजन कर वाहन चालकों को जागरूक किया गया, लेकिन सब बेअसर रहा। हेलमेट का प्रयोग न करने से दोपहिया वाहन चालक हादसों में जान से हाथ धो रहे हैं।