हर्ष फाय¨रग रोकने में खाकी को छूट रहा पसीना
मुजफ्फरनगर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस हर्ष फाय¨रग पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही ह
मुजफ्फरनगर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस हर्ष फाय¨रग पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है। स्थिति यह है कि शादी समारोह में होने वाली हर्ष फाय¨रग कई लोगों की जान लील रही है।
पुलिस हर्ष फाय¨रग रोकने के तमाम दावे करती हैं, लेकिन हाल ही में चरथावल व बिलासपुर में महिला व किशोरी की मौत ने खाकी के दावों की पोल खोल दी है। इससे पूर्व जनपद में होने वाली हर्ष फाय¨रग में करीब दर्जनभर लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। इससे पहले भी वर्ष 2012 में चरथावल थाना क्षेत्र के दूधली गांव में ही बरात की चढ़त के दौरान गाजियाबाद के तत्कालीन भोजपुर एसओ ने सरकारी पिस्टल से फाय¨रग कर दी थी। गोली लगने से युवक की मौत हो गई थी, जबकि एक घायल हो गया था। वर्ष 2014 में नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के अंकित विहार में जन्मदिन की पार्टी के दौरान हुई हर्ष फाय¨रग में एक सिपाही की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसी साल तितावी क्षेत्र में भी हर्ष फाय¨रग में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। भोपा थाना क्षेत्र के भोकरहेडी गांव, बुढ़ाना व शहर समेत कई स्थानों पर हर्ष फाय¨रग में लोगों की जान जा चुकी है।
ज्यादातर मामलों में होता है समझौता
हर्ष फाय¨रग में होने वाली ज्यादातर घटनाओं में दोनों पक्ष आपस में परिचित होने के कारण समझौता कर लेते हैं। पुलिस भी मुकदमे की लिखा-पढ़ी से बचने के चक्कर में इस ओर से आंख मूंद लेती है। हालांकि चरथावल व बिलासपुर में हर्ष फाय¨रग में होने वाली मौत के मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। एसपी सिटी राजेश कुमार ¨सह का कहना है कि हर्ष फाय¨रग रोकने के लिए बैंक्वेट हॉल संचालकों को कड़े दिशा निर्देश दिए हैं।