मनोज की शहादत पर निरगाजनी जार-जार
मुजफ्फरनगर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जनपद में नक्सली हमले में शहीद पच्चीस वर्षीय जाबांज मनोज कुमार की शह
मुजफ्फरनगर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जनपद में नक्सली हमले में शहीद पच्चीस वर्षीय जाबांज मनोज कुमार की शहादत पर उनका पैतृक गांव निरगाजनी जार-जार रोया। हर किसी की आंखों में आंसू थे और सीना जांबाज की शहादत पर गर्व से फूला था। उधर, मनोज के शव का अंतिम संस्कार बुधवार (आज) को गांव के श्मशान घाट पर किया जाएगा।
इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद मनोज कुमार ने वर्ष 2011 में बतौर कांस्टेबल सीआरपीएफ ज्वाइन कर लिया। आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर के मनोज कुमार की पहली नियुक्ति चंडीगढ़ में हुई। इसके बाद उनकी तैनाती दिल्ली और जम्मू के बाद छत्तीसगढ़ में हुई थी। छह साल में सीआरपीएफ ने उन्हें प्रोन्नति देकर हेडकांस्टेबल बना दिया था। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब उनका शव मंगलवार रात में गांव लाया जाएगा। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि मनोज के शव का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह होगा। शहीद के शव के इंतजार में उनके घर पर ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा हुआ है।
पुलिस सुरक्षा में दिया था इम्तिहान
वर्ष 2011 में ही मनोज कुमार के पिता कर्मचंद की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में मनोज ने सीआरपीएफ की परीक्षा दी।