छू मंतर होगा मोटापा, बदन दर्द
मुजफ्फरनगर: राजकीय इंटर कालेज मैदान में दैनिक जागरण व इवेंट पेराडाइज के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रव
मुजफ्फरनगर: राजकीय इंटर कालेज मैदान में दैनिक जागरण व इवेंट पेराडाइज के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार से प्रारम्भ हुए यूनीक ट्रेड फेयर में शनिवार को खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मेले में बिक्री के लिए रखे गए बाडी फिटनेस इक्विपमेंट विशेष आकर्षण का केन्द्र बने।
समय के साथ भागती ¨जदगी में मोटापा लोगों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। इसी के मद्देनजर जीआइसी मैदान में लगे यूनिक ट्रेड फेयर में बाडी फिटनेस इक्विपमेंट शाप पर खरीदारों ने उत्साह दिखाया। यहां खरीदारी के लिए रखा गया बाडी स्टेपर शरीर पर मौजूद अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक है वहीं बिना हार्ड वर्किंग यह वजन भी आसानी से घटा सकता है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बनाए रखने, डायबिटीज व हाई बीपी में राहत के लिए शै¨कग मूवमेंट अहम मानी जा रही है। इसके अलावा बाडी मसाज मशीन किसी भी आयु वर्ग के महिला पुरुषों का मोटाप दूर करने में अहम है। मेले में आर्टिफिशियल ज्वेलरी, रेडीमेड कपड़े, मैजिक टवायज, चीला व रोटी मेकर की बिक्री भी खास तौर से हो रही है।
नक्काशीदार रा¨कग चेयर पर सबकी नजर
यूनिक ट्रेड फेयर में बिक्री के लिए रखा गया सहारनपुर का मशहूर नक्काशीदार फर्नीचर लोगों के विशेष आकर्षण का केन्द्र बन रहा है। बिक्री के लिए रखी गई रा¨कग व ईजी चेयर बुजुर्गों को खूब भा रही है। इसके अलावा काफी सेट, रोड आयरन की बनीं कुर्सियां, हाथ की नक्काशी से लकड़ी का बना बैंगिल स्टेंड व चपाती मेकर महिलाओं को विशेष तौर से आकर्षित कर रहा है।
बच्चों को भाई महबूब की सवारी
मेले में आने वाले बच्चों के भरपूर मनोरंजन का भी खास इंतजाम है। बच्चे राजस्थानी बालोत्रा नस्ल के ऊंट को अपना दोस्त मान रहे हैं। यही वजह है कि महबूब नाम के इस ऊंट की सवारी के लिए बच्चे दौड़े चले आ रहे हैं। लंबी-लंबी डग भरता महबूब सभी को भा रहा है। अपनी पीठ पर बैठाकर जब महबूब मेले का चक्कर लगाता है तो बच्चे उसकी पीठ पर बैठे-बैठ झूमने लगते हैं। इसके अलावा झूले, ट्रेन आदि से भी बच्चों को भरपूर मनोरंजन हा रहा है।
खाने-पीने का भरपूर इंतजाम
मेले में जहां मनोरंजन के भरपूर साधन मौजूद हैं वहीं खाने पीने का भी खूब इंतजाम किया गया है। नमकीन में भेलपूरी सबको लुभा रही है तो एनर्जी ¨ड्रक के तौर पर जूस सबकी पसंद बन रहा है। बड़ी, कुल्फी खाने वालों की भी मेले में कोई कमी नहीं है।