श्रीलंका में बंधक बनाए गए मजदूर लौटे
मुजफ्फरनगर : श्रीलंका में बंधक बनाकर रखे गए सात मजदूर एक माह की मशक्कत के बाद स्वदेश लौट आए। मजदूरों
मुजफ्फरनगर : श्रीलंका में बंधक बनाकर रखे गए सात मजदूर एक माह की मशक्कत के बाद स्वदेश लौट आए। मजदूरों को मुक्त कराने के लिए परिजनों ने तीन अप्रैल को सुजड़ू पुलिस चौकी का घेराव कर हंगामा किया था।
21 फरवरी को गांव सूजड़ू निवासी रो¨लग मिल कारीगर अख्तर पुत्र सईद, हसीन पुत्र हाजी कलवा, जाहिद पुत्र तौफीक, इनामुल हक राणा पुत्र याईन, विष्णु कुमार पुत्र मेघराज ¨सह व याईन पुत्र सलीम एक स्टील प्लांट में नौकरी के लिए चेन्नई एयरपोर्ट से श्रीलंका के लिए रवाना हुए थे। आरोप था कि श्रीलंका में फैक्ट्री मालिकों ने सामान व पासपोर्ट अपने कब्जे में कर सभी कारीगरों को बंधक बना लिया। सभी मजदूरों से कठिन हालात में काम लिया जा रहा था। आरोप था कि उक्त के एवज में संबंधित एजेंट ने फैक्ट्री मालिकों से 75-75 हजार रुपए भी वसूले थे। बंधक बनाए गए मजदूरों द्वारा सारे हालात सूजड़ू में अपने परिजनों से फोन पर साझा किए तो वे बिलख उठे। राष्ट्रीय जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकील राणा के नेतृत्व में परिजनों ने प्रदर्शन कर एजेंट के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया था। शहर कोतवाली पुलिस ने बंधक बनाए गए मजदूरों को शीघ्र ही मुक्त कराए जाने का आश्वासन देकर परिजनों को शांत किया था। बावजूद तयशुदा तिथि 20 अप्रैल तक मजदूर बंधनमुक्त होकर श्रीलंका से भारत नहीं आ पाए थे। इस पर जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकील राणा ने डीएम व एसएसपी से मुलाकात कर आरोपी एजेंट के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही भारतीय विदेश विभाग से इस मामले में हस्तक्षेप कर बंधकों को मुक्त कर श्रीलंका से भारत लाए जाने की कार्यवाही की मांग की थी। भारतीय विदेश विभाग के सहयोग से मंगलवार को सभी सात मजदूर बंधनमुक्त होकर सूजड़ू लौट आए। गांव पहुंचते ही राष्ट्रीय जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अकील राणा के नेतृत्व में राजकीय आइटीआइ के समक्ष मुक्त होकर पहुंचे मजदूरों का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। इस मौके पर संजय शर्मा, वारिस राणा, नासिर त्यागी, बाबा सिकंदर, मुखिया इस्लाम, तौहीद, सलमान, आफताब, शाहिद राणा, आफाक चौधरी, बलराम, नदीम, शहजाद राणा, सूफी अब्दुल वहाब, राजीव गोयल, डा. राजकुमार, सुधीर चौधरी, शाकिर, आसिफ आदि शामिल रहे।