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प्रभु ही समझ सकते हैं भक्त की आस्था:मृदुल

मुजफ्फरनगर : श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा महोत्सव के चौथे दिन बुधवार को आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 12:17 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 12:17 AM (IST)
प्रभु ही समझ सकते हैं भक्त की आस्था:मृदुल

मुजफ्फरनगर : श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा महोत्सव के चौथे दिन बुधवार को आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भक्त की आस्था को केवल प्रभु ही समझ सकते हैं। इसलिए जीवन को अपना दुख संसार के सामने नहीं केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि प्रहलाद भगवान के परम भक्त थे। उन्हें विष पिलाया गया, हाथी से कुचलवाया गया, अग्नि में जलाया गया, तरह-तरह की यातनाएं दी गई, लेकिन प्रहलाद ने हर जगह अपने प्रभु का दर्शन करते थे। इसी कारण भगवान नर¨सह ने खंभे से प्रकट होकर भक्त की इच्छा व विश्वास को पूर्ण करते हुए हिरण्यकश्यप का वध किया। जीव को किसी की ¨नदा स्तुति करने के बजाए भगवान की ही चर्चा करनी व सुननी चाहिए। कथा प्रसंग में विशेष महोत्सव के रूप में आज श्रीकृष्ण जन्म नंदोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मुख्य यजमान सुरेन्द्र ¨सधी व अनुभव बंसल रहे। शंकर स्वरूप बंसल, नवीन बंसल, शिवचरण गर्ग के संयोजन में चल रहे महोत्सव में गौरव स्वरूप, सौरभ स्वरूप, जिले ¨सह, राजेश जैन, नीरज गोयल आदि मौजूद रहे। संचालन साधुराम गर्ग एडवोकेट व दीपक मित्तल ने संयुक्त रूप से किया।


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