परमात्मा को प्रिय है गणतंत्र : चन्द्रमोहन
दौराला : परमधाम न्यास अरिहंतपुरम में रविवार को युवा एकजुटता महायज्ञ का आयोजन किया गया। पूर्ण गुरु
दौराला : परमधाम न्यास अरिहंतपुरम में रविवार को युवा एकजुटता महायज्ञ का आयोजन किया गया। पूर्ण गुरु चंद्रमोहन ने कहा कि गणतंत्र परमात्मा को अत्यंत प्रिय है। इसीलिए परमात्मा का एक नाम गणेश है। कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों अनुयायियों को उन्होंने सवा लाख पौधे लगाने को कहा।
क्रांति गुरु चंद्रमोहन ने अपने अनुयायियों को प्रवचन देते हुए कहा कि जन, गण, मन को मजबूत करने की भावना रखते हुए परमात्मा की पूजा करने पर परमात्मा खुश होते हैं। परमात्मा की पूजा केवल मनुष्यों के लिए ही कल्याणकारी है और मनुष्य उसे कहते है, जिसके दिल में मानवतावाद पूरी तरह से स्थापित है। उन्होंने कहा कि जनेऊं के तीन सूत्र ज ने ऊं जन, गण, मन को मजबूत करने के सूत्र हैं। जन मजबूत होगा जनता को जातिरहित एकजुट करने से। गण मजबूत होगा स्वयं नैतिक बनने से। गण का अर्थ होता है समूह, जिस समूह में नैतिकता आ जाती है, उस समूह को समाज कहते हैं। नैतिक बनने का अर्थ पंचभेद जाति-भेद, क्षेत्र-भेद, रंग-भेद, संप्रदाय-भेद, नशा और ढोंग से घृणा करना। जिस प्रकार पशुओं के समूह को झुंड कहते हैं, क्योंकि उनमें नैतिकता नहीं है, इसी प्रकार अगर हमारे अंदर नैतिकता नहीं है तो हम भी पशुओं के झुंड के हिस्से हैं। मन मजबूत होगा अध्यात्म को स्वयं स्वीकार करके। गणतंत्र में मतदान करना परमात्मा पर चढ़ाया गया फूल है। जिस प्रकार अन्नदान, रक्तदान, नेत्रदान आदि का महत्व है, उसी प्रकार से मतदान का भी महत्व होता है। इसलिए प्रत्येक ¨हदुस्तानी को मतदान जरूर करना चाहिए। पूर्ण गुरु चन्द्रमोहन ने चन्द्रायण समापन की बधाई दी। इस अवसर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली आदि क्षेत्रों से भारी संख्या में अनुयायी पहुंचे।