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दो युवकों की मौत के बाद गम में डूबा बहादरपुर

सिखेड़ा (मुजफ्फरनगर): क्षेत्र के बहादरपुर गांव में जहरीली शराब पीने से दो युवकों की मौत के बाद पूरा

By Edited By: Published: Wed, 15 Jul 2015 11:49 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2015 11:49 PM (IST)
दो युवकों की मौत के बाद गम में डूबा बहादरपुर

सिखेड़ा (मुजफ्फरनगर): क्षेत्र के बहादरपुर गांव में जहरीली शराब पीने से दो युवकों की मौत के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया है। वहीं दो युवक अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। परिजनों ने किसी कार्रवाई से इन्कार किया है।

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गत मंगलवार की रात बहादरपुर गांव निवासी दलित अजय व नीरज की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी, जबकि मुकेश व संजीव को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतकों के परिजनों ने बिना किसी कार्रवाई के रात में ही दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था।

एक साथ दो मौत होने के बाद जहां मृतकों के परिवार में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं पूरा गांव भी गमजदा है। बुधवार को मृतक नीरज के भाई मोनू ने बताया कि नीरज, अजय, संजीव व मुकेश चारों दोस्त थे। सोमवार की शाम ही चारों ने एक साथ बैठकर शराब पी थी। उसी रात उन्हें बेचैनी शुरू हो गई। मंगलवार की सुबह हालात और खराब हुई तो परिजन ने पहले गांव में ही उपचार दिलाया। हालत में सुधार नहीं होने पर शाम को मुजफ्फरनगर अस्पताल ले जाने लगे। नीरज ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था, जबकि अजय ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। मामले में कोई कार्रवाई न चाहते हुए मृतकों के परिजनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। अस्पताल में भर्ती मुकेश व संजीव की हालत गंभीर बताई जा रही है। उधर एसओ सर्वेश कुमार ¨सह का कहना है कि बिना सूचना के वह मामले में कार्रवाई कैसे करते?

भरा पूरा परिवार छोड़ गए नीरज व अजय

मृतक नीरज मुजफ्फरनगर में दुकान करके इन्वर्टर व बैटरी आदि बनाकर बेचने का काम करता है और उसके परिवार में चार बच्चों के अलावा, मां-बाप व भाई-बहन भी हैं, जबकि अजय मजदूरी करता था और उसके परिवार में एक पुत्री, मां-बाप और भाई-बहन हैं। कुछ दिन पूर्व बिहार निवासी उसकी पत्नी छोड़कर चली गई थी। अस्पताल में भर्ती मुकेश व संजीव भी मजदूरी करते हैं।

शोक में डूबा गांव

एक साथ दो जवान मौत होने व दो युवकों की गंभीर हालत होने के कारण पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। बुधवार को जहां कई घरों में चूल्हे नहीं जले, वहीं गांव की महिलाएं और पुरुषों का मृतकों के घर दिनभर जमावड़ा लगा रहा। मृतकों के छोटे-छोटे बच्चों को देखकर हर किसी की आंख नम हो रही थी।


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