एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत के कत्ल के बराबर
मुजफ्फरनगर : गत शुक्रवार को कुवैत की शिया मस्जिद में जुमे की नमाज में हुए बम धमाके में मारे गए शहीदो
मुजफ्फरनगर : गत शुक्रवार को कुवैत की शिया मस्जिद में जुमे की नमाज में हुए बम धमाके में मारे गए शहीदों को खिराजे अकीदत पेश करने के साथ ही आतंकवाद की मजम्मत की गई। सादात हास्टल स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद शिया अकीदतमंदों ने आतंकवाद के विरुद्ध प्रदर्शन किया तथा निर्दोष लोगों का खून बहाने वालों के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि रसूले अकरम की एक हदीस के मुताबिक एक इंसान का कत्ल पूरी इंसानियत के बराबर है।
जुमे की नमाज के बाद मौलाना रजा कद्र ने कहा कि निर्दोष लोगों का खून बहाने वाला कभी भी मुसलमान नहीं हो सकता। इस्लाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है। मौलाना कौसर मजहरी ने शहादत के ऊपर रोशनी डालते हुए कहा कि जुमे की नमाज के दौरान हुए बम धमाकों में मारे गए रोजेदारों को शहीद का दर्जा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये वो मनसब है जो कभी जालिम को नहीं मिलता। मौलाना मजाहिर ने कहा कि मजलूम चाहे किसी भी समाज का हो उसकी आवाज जुल्म के सामने सुनने में तो हल्की लगती है, लेकिन जालिम से कभी दबती नहीं। मौलाना मौ. हुसैनी ने कहा कि जो शख्स मैदान में आने की ताकत नहीं रखता वही मजलूमों पर खुदकश हमले करता है। उन्होंने कहा कि हालांकि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता लेकिन वह धर्म का लिबास ग्रहण करता है ताकि समाज में अमन और भाईचारा खत्म् हो जाए। उन्होंने कहा कि हमें प्रण लेना चाहिए कि दहशतगर्दी चाहे किसी भी धर्म का चोला ओढ ले उसको हम उसकी हद तक पहुंचाऐगे। मौलाना फसी हैदर ने संचालन करते हुए आहा्वान किया कि देश की एकता, अखंडता व एकजुटता पर सब समाज के लोगों को लेकर ऐसा कार्य अंजाम दे जो अपने मुल्क के साथ पूरी दुनिया में मिसाल बने। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना मौ. अमीन ने कुरआन ख्वानी से की। मौलाना कर्रार मौलाई, मौलाना अरशद काजमी, मौलाना शादाब काजमी, मौलाना शमीम बाकरी, मौलाना मिर्जा शहजाद, मौलाना सादिक हुसैन, वली हसनैन जैदी, नसीम हैदर एड., राजू भाई, डा. मतलूब, मुशर्रफ हुसैन, मा. नुसरत आदि शामिल रहे।