उजली होगी आधुनिक शिक्षा की तस्वीर
मुजफ्फरनगर : शिक्षा को रोजगारपरक बनाने व इसकी व्यवहारिकता पर जोर देने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन वि
मुजफ्फरनगर : शिक्षा को रोजगारपरक बनाने व इसकी व्यवहारिकता पर जोर देने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश व एनसीईआरटी की देखरेख में शुक्रवार को डायट परिसर में एक दर्जन से अधिक जनपदों के सैकड़ों शिक्षाविद जुटे। इस दौरान शिक्षा के नकारात्मक पहलुओं को दूर कर उसका ढांचा अधिक व्यवहारिक बनाने पर जोर दिया गया।
नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रदेश को चार जोन में विभाजित कर शिक्षा को आधुनिक व अधिक व्यवहारिक बनाने के लिए शिक्षाविदों को आमंत्रित किया था। चार मंडलों को शामिल कर जोन बनाए गए मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को विचार गोष्ठी के माध्यम से 13 विषयों पर आधारित 124 प्रश्नों पर मंथन किया गया। जोन कोआर्डिनेटर डा. मुजम्मिल ने कहा कि आधुनिक शिक्षा का ढांचा तभी मजबूत हो सकता है, जब उसे रोजगारपरक बनाया जाए। पाठ्यक्रम की विषय वस्तु समकालीन होनी चाहिए, लेकिन यह भी देखना चाहिए कि उससे समाज और देश को क्या लाभ मिल सकता है। डा. मुजम्मिल ने बुनियादी व माध्यमिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रौढ़ शिक्षा की अहमियत पर उन्होंने कहा कि समाज में शत-प्रतिशत साक्षरता के लिए इस क्षेत्र में भी काम किया जाना चाहिए। कार्यशाला के संबंध में वरिष्ठ प्रवक्ता डायट गीता वर्मा, रंजना अरोरा, अनिता नूना आदि ने भी अपने सारगर्भित विचार रखे। उन्होंने नई शिक्षा नीति का ढांचा तैयार करने से पूर्व इस बात पर जोर दिया कि पाठ्यक्रम समय की मांग के आधार पर तैयार किया जाए। एडी बेसिक आरके तिवारी ने कहा कि जीवन में शिक्षा का व्यवहारिक लाभ मिलना चाहिए, इसलिए नई शिक्षा नीति तैयार करने में इस बात का ध्यान गंभीरता से रखना होगा। इस दौरान सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़ मंडलों के 18 जनपदों से आए लोगों ने अपने विचार रखे।