पुलिस संरक्षण में चल रहा था शराब का अवैध कारोबार?
मुजफ्फरनगर : भले ही जिले के कप्तान पुलिस की छवि सुधारने के कितने प्रयास करते रहें, लेकिन पुलिस तो पु
मुजफ्फरनगर : भले ही जिले के कप्तान पुलिस की छवि सुधारने के कितने प्रयास करते रहें, लेकिन पुलिस तो पुलिस है। विडंबना यह है कि एक ओर तो पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने में विफल है, वहीं दूसरी ओर अगर कोई अपराधी पकड़ा भी जाता है तो मामले में पुलिस की संलिप्तता पूरे महकमे को कठघरे में खड़ा कर देती है। ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने को मिला, जब एसपी सिटी शराब तस्कर व आइपीएल मैचों में सट्टा लगाने वाले आरोपियों के संबंध में प्रेसवार्ता कर रहे थे। इस दौरान आरोपी ने शराब तस्करी के मामले में क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिस कर्मियों के नाम लेने शुरू कर दिए। शनिवार रात पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने देवबंद रोड स्थित बंद पड़ी फैक्ट्री पर छापा मारकर लाखों रुपये की अवैध शराब पकड़ी थी। एसपी सिटी श्रवण कुमार के निर्देश पर क्राइम ब्रांच प्रभारी प्रभात कैंतुरा ने मौके से अवैध देशी शराब की 164 पेटी, 159 पव्वों की पेटियां, पांच पेटी बोतलें, एक सेंट्रो कार व नकली होलोग्राम आदि सामान बरामद किया। इसके अलावा एक आरोपी मोनू पुत्र वारु निवासी रामपुरी थाना कोतवाली को भी गिरफ्तार किया, जबकि उसके साथी प्रवीन पुत्र वारु, राजेश निवासी भरतीया कालोनी, माजिद व सलमान आदि फरार हो गए। रविवार को एसपी सिटी श्रवण कुमार ने थाना कोतवाली में प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि टीम ने इस दौरान फैक्ट्री से सीमेंट भी बरामद किया। बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। बताया कि एसएसपी केबी ¨सह ने संबंधित टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पुलिस कर्मियों के नाम सुन एसपी चौंके
कोतवाली में आयोजित प्रेसवार्ता में उस समय सन्नाटा छा गया जब अवैध शराब के मामले में पकड़े गए आरोपी मोनू ने बेबाकी से क्राइम ब्रांच के कुछ सिपाहियों के नाम लेने शुरू किए। दरअसल जब आरोपी मोनू से पत्रकार सवाल पूछ रहे थे तो उसने बड़ी बेबाकी से क्राइम ब्रांच के संबंधित पुलिस कर्मियों के नाम लेते हुए कहा कि वह इन सब को पांच हजार रुपये महीना देता है। आरोप लगाया कि इस बार ये लोग महीना बढ़ाने का दबाव डाल रहे थे उसने मना किया तो उसके यहां छापा डलवा दिया।
काफी चर्चित हैं सभी पुलिसवाले
दरअसल क्राइमब्रांच के जिन पुलिसकर्मियों का नाम मोनू ने लिया है वे सभी कई साल से क्राइम ब्रांच में जमे हैं और काफी चर्चित भी हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें से एक तो कई बार ट्रांसफर होने के बावजूद इसी जिले टिका है, जबकि उसके साथ के कई कर्मी तबादले किए जा चुके हैं।
पुलिसकर्मी ही बेचते थे शराब?
आरोपी मोनू की मानें तो ये चर्चित पुलिसकर्मी ही खुद उसे शराब बेचते थे। इतना ही नहीं उसका कहना है कि उसके पास से सिर्फ 50 पेटियां ही पकड़ी गई हैं बाकी तो स्वयं इन पुलिसकर्मियों ने अपनी ओर से मिलाई हैं। वहीं दूसरी ओर रविवार दोपहर बाद से एक टीवी चैनल पर इस संबंध में खबर चलती रही, जिसमें आरोपी द्वारा साफ तौर इन पुलिसवालों के नाम लेते दिखाया गया।
इन्होंने कहा..
आरोपी जिन पुलिसकर्मियों के नाम ले रहा है, उसकी जांच करा ली जाएगी। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-श्रवण कुमार, एसपी सिटी।