मुजफ्फरनगर से चमके थे मुफ्ती के सियासी सितारे
मुजफ्फरनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद सबसे पहले सियासी ऊंचा
मुजफ्फरनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद सबसे पहले सियासी ऊंचाइयों पर मुजफ्फरनगर से ही पहुंचे थे। 1989 में जनता दल के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव जीतकर देश के पहले मुस्लिम गृहमंत्री बनने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ था। उसी दौरान हुए विधानसभा चुनाव में सोमांश प्रकाश मुजफ्फरनगर शहर सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। अपने पुराने साथी के निमंत्रण पर शपथ ग्रहण समारोह का साक्षी बनने के लिए सोमांश प्रकाश जम्मू पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे मुजफ्फरनगर आने का वादा किया है।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार केविरुद्ध विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बिगुल फूंका था। जिले के वरिष्ठ नेता विधायक सोमांश प्रकाश को उन्होंने अपने जनता दल का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया।
1989 में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया। पार्टी के मुस्लिम चेहरे के तौर पर जम्मू-कश्मीर के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी सीट पर लड़ाने पर मंथन हुआ। पहले गाजियाबाद सीट उनके लिए बेहतर समझी गई, लेकिन सोमांश प्रकाश की सलाह पर अंतिम निर्णय मुजफ्फरनगर के पक्ष में हुआ। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुजफ्फनगर में डेरा डाल दिया। उस समय लोकसभा चुनाव के साथ-साथ प्रदेश विधानसभा चुनाव भी हुए थे। पार्टी ने हिन्दू- मुस्लिम समीकरणों को मजबूत करने को थानाभवन से दो बार विधायक रहे सोमांश प्रकाश को मुजफ्फरनगर शहर सीट से लड़ाया। सोमांश प्रकाश के साथ मिलकर मुफ्ती ने गली-गली में प्रचार किया। दोनों भारी मतों से विजयी घोषित हुए। सांसद निर्वाचित होने के बाद जिले के लिए खुशी की बात यह रही कि दो दिसंबर 1989 को मुफ्ती मोहम्मद सईद ने केन्द्रीय गृहमंत्री पद की शपथ ली। वह आजाद भारत के पहले मुस्लिम गृहमंत्री बने। सोमांश प्रकाश ने फोन पर बताया कि सईद के साथ चुनाव के दौरान बना रिश्ता और प्रगाढ़ होता गया। अब जम्मू-कश्मीर आना-जाना होता रहता है। शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिलने पर वह शनिवार को जम्मू पहुंच गए। मुफ्ती साहब ने कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद मुजफ्फरनगर आने का वादा भी किया है। उधर पूर्व सभासद मोहम्मद सलीम भी उन्हें चुनाव लड़ाने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थे। वे कहते हैं कि मुफ्ती साहब के सांसद काल में नगर में इलेक्ट्रानिक टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित हुआ। इस्लामिया इंटर कालेज, नगर पालिका इंटर कालेज और लद्दावाला के स्कूलों में निर्माण सहित कई कार्य हुए थे। उन्होंने सईद को फोन पर मुबारकबाद दी है।
गृहमंत्री बनने के जश्न
में पड़ा था खलल
मुजफ्फरनगर : दो दिसंबर 1989 को मुफ्ती मोहम्मद सईद के केन्द्रीय गृहमंत्री बनने पर समर्थक बल्लियां उछलने लगे थे और उनके आगमन पर जोरदार स्वागत की तैयारियां चल रहीं थीं, लेकिन 8 दिसंबर 1989 को कश्मीर में उनकी बेटी रुबिया सईद का आतंकियों ने अपहरण कर लिया। उनकी रिहाई के एवज में पांच आतंकियों को रिहा करना पड़ा था। इस घटनाक्रम के चलते समर्थकों के जश्न में खलल पड़ा था।