अन्नदाता ने आम बजट को नकारा
मुजफ्फरनगर : अन्नदाता ने आम बजट को सिरे से नकार दिया है। बजट में किसानों के लिए नई योजनाएं शामिल न ह
मुजफ्फरनगर : अन्नदाता ने आम बजट को सिरे से नकार दिया है। बजट में किसानों के लिए नई योजनाएं शामिल न होने से किसान मायूस हैं। बजट में कृषि क्षेत्र की घोर उपेक्षा की गई है। कृषि क्षेत्र के लिए बजट में व्यापक इंतजाम होना चाहिए था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि देश की कुल आबादी के 70 प्रतिशत किसानों के लिए केवल 24800 करोड़ का प्रावधान और औद्योगिक घरानों को 23000 करोड़ की छूट शर्मनाक है। सरकार की नीति में कृषि प्राथमिक मुद्दा नहीं है। बजट में कृषि क्षेत्र की घोर उपेक्षा की गई है। कृषि क्षेत्र जिस दौर से गुजर रहा है उसे सम्भालना सरकार की जिम्मेदारी थी, लेकिन कृषि बजट में 1200 करोड़ की कटौती कर स्पष्ट कर दिया है कि कृषि सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं। देश का किसान सूखा व बाढ़ से आत्महत्या कर रहा है। बजट में किसानों की आजीविका तय किये जाने की आवश्यकता थी, लेकिन इन तथ्यों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। किसानों को नरेन्द्र मोदी की सरकार से काफी उम्मीदें थी, जो बजट के बाद निराशा में बदल गई हैं। बजट से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गाव, गरीब और किसान विरोधी है।
यह बजट किसान विरोधी है। इससे किसान खेती छोड़ने और आत्महत्या करने को मजबूर होगा। इस बजट से स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किसानों के बुरे दिन और औघोगिक घरानों के अच्छे दिन आ गए हैं।