सामाजिक दृष्टिकोण बन गई लैंगिक असमानता : विष्णु नागर
मुजफ्फरनगर : प्रख्यात साहित्यकार विष्णु नागर ने कहा कि देश में लैंगिक असमानता एक प्रकार से सामाजिक द
मुजफ्फरनगर : प्रख्यात साहित्यकार विष्णु नागर ने कहा कि देश में लैंगिक असमानता एक प्रकार से सामाजिक दृष्टिकोण बन गई है। अच्छे समाज के निर्माण के लिए ऐसी मानसिकता को तिलांजली देनी होगी। जब तक लड़कों-लड़कियों में भेद किया जाता रहेगा अच्छे समाज की परिकल्पना बेमानी साबित होगी।
जैन कन्या पाठशाला महाविद्यालय में 'लैंगिक असमानता सामस्याएं एवं परिप्रेक्ष्य' पर राष्ट्रीय सेमीनार में मुख्य वक्ता के रूप में साहित्यकार विष्णु नागर ने कहा कि व्यवहार में देखने में आता है कि लड़कों के लालन-पालन सहित उनकी शिक्षा पर लड़कियों के मुकाबले अधिक ध्यान दिया जाता है। यह व्यवहार लोगों की मानसिकता के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होता रहता है, जो कालांतर में परंपरा सी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि पुरुष प्रधान मानसिकता बालिकाओं के बेहतर पोषण में व्यवधान उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि इसमें परिवर्तन ही समस्या का समाधान कर सकता है। विशिष्ट अतिथि यूपी केसरी व कुश्ती खिलाड़ी दिव्या सेन रहीं। उन्होंने नारी को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। सेमीनार की अध्यक्षता चौ. चरण ंिसह विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो वाइस चांसलर जेजे पुंडीर ने की। उन्होंने समाज में मानसिकता व दृष्टिकोण को बदलने पर जोर दिया। संरक्षक नरेन्द्र कुमार जैन, राजकुमार जैन, जैन डिग्री कालेज के प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार जैन, सचिव संजय जैन, सदस्य देवेन्द्र कुमार जैन, प्राचार्या निशा शर्मा उद्घाटन सत्र में शामिल रहीं। तकनीकी सत्रों में डा. मुक्ता बंसल, धीरेश सैनी, महावीर सिंह, डा. माधुरी ंिसह, डा. अमित मलिक, डा. वर्चसा सैनी, डा. अजय पाल सिंह, डा. एसएन सिंह आदि ने विचार व्यक्त किये। सिटी मजिस्ट्रेट ब्रज बिहारी पांडेय मुख्य अतिथि रहे।