डीआईजी जेल ने आयोग के समक्ष कराए बयान दर्ज
मुजफ्फरनगर : दंगों के कारणों की जाच में जुटे जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने साक्ष्य जुटाने और गवाही व ब
मुजफ्फरनगर : दंगों के कारणों की जाच में जुटे जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने साक्ष्य जुटाने और गवाही व बयान दर्ज करने की कार्यवाही पूरी कर जनपद से विदाई ले ली है। हालाकि आयोग द्वारा बयान के लिए तलब किये गये तीन बड़े अधिकारी मुजफ्फरनगर नहीं आ सके हैं। अब इन अधिकारियों के बयान आयोग के लखनऊ स्थित कार्यालय पर ही दर्ज किये जायेंगे। इसके बाद आयोग दंगों को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने की तैयारी में जुट जायेगा। आयोग का कार्यकाल आठ अगस्त तक बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा आयोग को यह चौथा विस्तार दिया गया है। गौरतलब है कि आठ फरवरी को आयोग का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद प्रदेश सरकार ने इसे आगे बढ़ाया। इसके बाद 22 फरवरी को जस्टिस सहाय आयोग मुजफ्फरनगर कैम्प कार्यालय पर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के बयान दर्ज करने के लिए पहुंचा था। आयोग ने 23 से 25 फरवरी तक प्रदेश के सात अफसरों को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। इनमें से चार अफसरों ने ही अपने बयान दर्ज कराये हैं। बुधवार को तत्कालीन डीआईजी कानून व्यवस्था लखनऊ आईजी पद पर प्रोन्नत होने के बाद रघुवीर लाल आयोग के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे। रघुवीर लाल वर्तमान में डीआईजी जेल एवं प्रशासन के पद पर कार्यरत हैं। आयोग ने प्रदेश के रिटायर्ड डीजीपी देवराज नागर को तलब किया था, लेकिन वो बयान दर्ज कराने नहीं आये। देवराज नागर को पूर्व में भी तलब किया गया था, लेकिन वो आयोग के समक्ष पेश नहीं हो सके। इनके अलावा तत्कालीन आईजी एटीएस लखनऊ राजीव सब्बरवाल भी बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंच पाये। आयोग बुधवार को अंतिम अधिकारी रघुवीर लाल के बयान दर्ज करने के बाद लखनऊ के लिए रवाना हो गया है। आयोग को विदाई देने के लिए डीएम कौशल राज शर्मा, एडीएम प्रशासन डा.इंदमणि त्रिपाठी, डीजीसी सिविल डा.माधुरी सिंह आदि मौजूद रहे।
विदाई से पहले टेका शिवचौक पर मत्था
बुधवार को जांच आयोग को मुजफ्फरनगर से विदा लेनी थी, ऐसे में मंगलवार रात जस्टिस विष्णु आयोग समेत आयोग के अन्य सदस्य शिव चौक पहुंचे और भगवान आशुतोष की चौखट पर मत्था टेका।