धार्मिक एकता का प्रतीक है सीकरी दरगाह
भोपा (मुजफ्फरनगर): गांव सीकरी स्थित सूफी संत हजरत बाबा अब्दुल लतीफ की दरगाह पर जायरीनों के पहुंचने क
भोपा (मुजफ्फरनगर): गांव सीकरी स्थित सूफी संत हजरत बाबा अब्दुल लतीफ की दरगाह पर जायरीनों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। ¨हदू हो मुसलमान, सिख हो या इसाई, हर कोई अपने परिवार की सुख शांति के लिए यहां माथा टेकता है। प्रत्येक वर्ष यहां उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी गुरुवार से 45वां उर्स मेला परंपरागत रूप से शुरू हो रहा है। इसमें भाग लेने के लिए दूर जायरीनों एवं दुकानदारों का पहुंचना शुरू हो गया है। बाबा की मजार की साफ सफाई की जा रही है।
विकास खंड मोरना के गांव सीकरी स्थित सूफी संत हजरत बाबा अब्दुल लतीफ की दरगाह की एक अलग महत्ता है। बताते हैं कि सूफी संत हजरत बाबा अब्दुल लतीफ ने वर्ष 1899 में हजरत मोहम्मद उमर के यहां जन्म लिया था। जन्म से ही वली प्रवृति के नाम से विख्यात हजरत बाबा ने दीन दुखियों की सेवा कर उनका दिल जीत लिया। प्रतिदिन उनका दरबार फरियादियों से भरा रहता था। उनके दरबार से कोई निराश नहीं लौटता था। वली बाबा के इंतकाल के बाद उनके बडे़ बेटे सूफी संत हजरत बाबा लुत्फुर्रहमान ने दरगाह का निर्माण कराया और अपने पिता के सिद्धांतों पर ही चलते रहे। धीरे धीरे यहां एक के बाद एक चमत्कारिक घटनाओं के कारण दूर दराज से अकीदतमंदों का आगमन होने लगा। बताते हैं कि जो भी बाबा की दरगाह पर माथा टेक कर चादर चढ़ाता है, उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है। इसी प्रसिद्धि के चलते यहां पर लतीफी उर्स मेला शुरू हुआ। विगत 44 वर्षों से यहां पर परंपरागत रूप से उर्स मेले का आयोजन होता है। गुरुवार से मजार पर चादरपोशी के साथ उर्स मेला शुरू होगा। संयोजक डा. नूरुल हसनैन लतीफी ने बताया कि इस दौरान कुरान ख्वानी, मुशायरा, जलसा ईद मिलादुन नबी, कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन होगा जबकि मुख्य रस्म कुल शरीफ विशेष प्रार्थना दुआ 2 मार्च की रात्रि 11:25 मिनट पर होगी। आयोजन में बाबा के तीनों साहबजादे हजरत लुत्फुर्रहमान, हिफजुर्रहमान, हबीबुर्रहमान व अदनान हबीब, मोहम्मद उमर लगे हुए हैं। पुलिस चौकी प्रभारी सुभाष चंद यादव ने मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।