मंडी स्थल निर्माण में फिर बर्बाद होंगे लाखों रुपये
जानसठ : किसानों की सुविधा के लिए क्षेत्र में बने दो मंडी स्थल अपने निर्माण के बाद से ही वीरान पड़े ह
जानसठ : किसानों की सुविधा के लिए क्षेत्र में बने दो मंडी स्थल अपने निर्माण के बाद से ही वीरान पड़े हैं। बावजूद इसके शासन द्वारा गांव अहरोड़ा में एक और मंडी स्थल बनवाने से फिर लाखों रुपये बर्बाद होना तय माना जा रहा है।
किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाने व फसल बेचने के लिए दूर जाने से बचाने के लिए करीब एक दशक पूर्व शासन ने कई गांवों में मंडी स्थलों का निर्माण कराया था। उस दौरान क्षेत्र के तिलौरा व खुजेड़ा गांव में भी मंडी स्थल बने थे। सरकार की मंशा थी कि मंडी में स्वयं अपनी उपज बेचने से किसानों को बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा। इससे किसानों को अधिक लाभ होगा, साथ ही उपज बेचने के लिए दूर भी नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन शासन की मंशा पर पानी फिर गया। न तो किसान उपज बेचने वहां पहुंचे और न ही कभी वहां मंडी लगी। इसके चलते लाखों रुपये की लागत से बने उक्त मंडी स्थल ग्रामीणों के ताश खेलने अथवा आवारा पशुओं के ठहरने का स्थल बनकर रह गए हैं। कुछ ग्रामीणों ने मंडी स्थलों पर अवैध कब्जा कर वहां उपले पाथना या कूड़ा डालना शुरू कर दिया है। हैरत की बात यह है कि शासन ने पुराने मंडी स्थलों का हाल जाने बिना ग्राम अहरोड़ा में भी मंडी स्थल का निर्माण शुरू करवा दिया है।
इन्होंने कहा..
मंडी स्थलों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। वहां कोई अवैध निर्माण या अन्य काम कर रहा है तो प्रधान को उसे रोकना चाहिए। अहरोड़ा में मंडी स्थल बन रहा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
-प्रमोद कुमार, क्षेत्रीय इंचार्ज मंडी समिति।