रामधारी जी महाराज उच्च कोटि के संत थे : केशवानंद
मोरना : तीर्थ नगरी शुक्रताल स्थित श्रीराम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी रामधारी जी महाराज की 105वीं जयं
मोरना : तीर्थ नगरी शुक्रताल स्थित श्रीराम आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी रामधारी जी महाराज की 105वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। दूरदराज क्षेत्रों से आए सैकड़ों भक्तों ने स्वामी जी को शत् शत् नमन किया।
हनुमत धाम के पीठाधीश्वर स्वामी केशवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी रामधारी जी महाराज उच्च कोटि के संत थे। जिन्होंने अपना जीवन समाज को दिशा देने में लगा दिया। ऐसे महापुरुष को हमें शत् शत् नमन करना चाहिए। संत सतीशानंद ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि स्वामी रामधारी जी महाराज जी ने अपने जीवन में कठोर तपस्या की है। हमें ऐसे संतों के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। मुख्य यज्ञमान कंवर सैन, घनश्यामदास, राजीव गोयल, भीम सैन शर्मा, जगमोहन सिंह, विनोद कुमार शर्मा, मोनी बाबा, प्रेमशंकर मिश्र आदि ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अखंड रामायण पाठ से हुआ। उधर, हनुमद्धाम में भी ब्रह्मलीन स्वामी रामधारी जी महाराज की जयंती पर सुंदरकांड का पाठ हुआ। स्वामी गीतानंद महाराज, स्वामी गीमानंद तीर्थ, स्वामी सूर्यप्रकाश महाराज आदि ने स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डाला। सामूहिक आरती पूजा अर्चना के बाद अखंड भंडारा हुआ। यहां ब्रह्मचारी आनंद महाराज, सर्व शक्ति स्वरूप, कंवर सैन गोयल आदि मौजूद रहे।