पहले 50, फिर 15 गांवों की होगी पैमाइश
-मुजफ्फरनगर : जिले में खुले सरकारी जमीन के बंदरबांट के बाद विवाद झेल रहे बिजनौर-मुजफ्फरनगर सीमा से स
-मुजफ्फरनगर : जिले में खुले सरकारी जमीन के बंदरबांट के बाद विवाद झेल रहे बिजनौर-मुजफ्फरनगर सीमा से सटे गांवों का भाग्य भी खुलना तय है। शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई मुजफ्फरनगर-बिजनौर के अफसरों की मैराथन बैठक में ऐसा ही नतीजा निकला। मानचित्र और दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद शुरुआती चरण में 50 गांवों की पैमाइश पूरी करने और फिर सीमा से सटे 15 गांवों की दूसरे चरण में नपाई पर सहमति बनी। दोनों जिलों के अफसरों ने सीमा विवाद के निर्णायक पटाक्षेप का ऐलान किया।
डीएम कौशल राज शर्मा के पत्र पर शनिवार को तयशुदा वक्त पर बिजनौर के अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीके चौधरी, एसडीएम सदर अंजूलता, एसडीएम धामपुर/एआरओ संजय सिंह और तहसीलदार सदर राजेश वर्मा समेत अन्य अधिकारी मुजफ्फरनगर पहुंच गए। तकरीबन बारह बजे शुरू हुई बैठक शाम करीब साढ़े चार बजे तक चली। डीएम कौशल राज शर्मा ने मानचित्रों और खसरा खतौनी के हिसाब से कार्रवाई व पैमाइश करने का निर्णय लिया। प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक, जनपद के तकरीबन 78 गांवों में बंदरबांट का खुलासा हुआ है और पैमाइश चल रही है। इनमें पंद्रह गांव बिजनौर की सीमा से सटे हैं। विवाद जहां मजलिसपुर और लुकादड़ी को लेकर है, साथ ही बिजनौर के भी लतीफपुर, पुरुषोत्तमपुर, लाडपुर, राजरूप समेत पांच गांव प्रभावित हो रहे हैं। खसरा-खतौनी और नक्शे-मौके के हालात को देखकर एकबारगी अफसर भी चकरा गए। डीएम के जाने के बाद अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामकिशन शर्मा ने अफसरों के साथ मैराथन बैठक की। इसमें सारी समस्याओं के साथ-साथ पूर्व के आदेशों पर चर्चा की गई। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक में दोनों जिलों के अफसरों ने दो चरणों में पैमाइश पर सहमति बनी। इसमें पहले चरण में मुजफ्फरनगर के निर्विवादित 50 गांवों की माप-तौल की जाएगी, जबकि इसके बाद दूसरे चरण में सीमा विवाद में फंसे 15 गांवों की पैमाइश कर चिह्नांकन कर स्थाई बंदोबस्त किया जाएगा। डीएफओ एचवी गिरीश, एसडीएम जानसठ उमेश मिश्र समेत जिले के अन्य अफसर मौजूद रहे।
लेखपालों की करतूत
से बढ़ गया नक्शा!
बैठक में मानचित्रों और अन्य अभिलेखों ने लेखपालों के कई कारनामे सामने आए। इसमें मुजफ्फरनगर के लेखपालों के साथ-साथ बिजनौर के लेखपाल भी कम नहीं निकले। सूत्रों की माने तो जांच के दौरान गंगा खादर क्षेत्र में नक्शों में दोनों जिलों की सरहदों में अंतर मिला। जानकारों की माने तो गंगा की धार में जमीन का खेल करने वाले लेखपालों ने गुल खिलाया है।
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'बिजनौर के अफसरों के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। शुरुआती दौर में जिले के 50 गांवों की पैमाइश की जाएगी, जबकि दूसरे चरण में विवादित 15 गांवों की। अभी रणनीति तैयार की जा रही है।'
-रामकिशन शर्मा, अपर जिलाधिकारी वि/रा