डेढ़ हजार बीघा जमीन वन विभाग को सौंपी
मुजफ्फरनगर : लेखपाल-भूमाफिया गठजोड़ से सरकारी जमीन के बंदरबांट के खुलासे के बाद चल रही पैमाइश के पांच
मुजफ्फरनगर : लेखपाल-भूमाफिया गठजोड़ से सरकारी जमीन के बंदरबांट के खुलासे के बाद चल रही पैमाइश के पांचवें दिन रामराज क्षेत्र में 1500 बीघा जमीन वन विभाग को सौंपी गई, जबकि शुक्रताल क्षेत्र में कई गांवों की सरहद नाप कर पैमाइश की रणनीति बनाई।
हस्तिनापुर वन्य जीव अभयारण्य और ग्राम समाज की हजारों हेक्टेयर भूमि का पूर्व लेखपाल शिवकुमार, निलंबित लेखपाल जयभगवान ने बंदरबांट कर दिया। आरोपी भागते फिर रहे हैं, जबकि प्रशासनिक टीम पैमाइश में जुटी है। शुक्रवार को रामराज क्षेत्र के गांव हटियावाला में सीओ चकबंदी गोरखनाथ के नेतृत्व में पहुंची टीम को पैमाइश के दौरान 1500 बीघा जमीन वन विभाग की मिली। टीम ने पैमाइश के बाद रेतीली जमीन को वन विभाग को सौंप दिया। उधर, शुक्रताल क्षेत्र में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट विनीत श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुई पैमाइश में गांवों की सरहद बांधी गई। इस दौरान गांव हाजीपुर, लुकादड़ी और मजलिसपुर की सीमाएं चिह्नांकित कर दी गईं। आज से गांव में सरकारी जमीन की पैमाइश की जाएगी।
एडीएम की चौपाल में पूर्व लेखपाल पर फूटा गुस्सा
एडीएम वित्त एवं राजस्व रामकिशन शर्मा शुक्रवार सुबह गांव मजलिसपुर तोफीर पहुंचे। यहां से खादर क्षेत्र के गांव महाराजनगर के प्राथमिक विद्यालय में एडीएम वित्त/राजस्व आरके शर्मा ने चौपाल लगाई तो पूर्व लेखपाल शिवकुमार और जयभगवान पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि कई दर्जन लोगों के नाम पट्टा काट दिया, लेकिन 10-15 साल से उन्हें कब्जा नहीं मिला। शिमला, शोकीन, हरकली, धर्मेद्र, सरस्वती, राजकली, किशनपाल, मुकेश, योगेश आदि दर्जनों लोगों ने आरोप लगाया कि लेखपालों ने भूमाफियाओं समेत हरियाणा और नेताओं को बड़े पैमाने में जमीन दे दी। आरोप लगाया कि पूर्व लेखपाल शिवकुमार कब्जा दिलाने के नाम पर सात हजार रुपये बीघा मांगता था। एडीएम एफ एंड आर रामकिशन शर्मा ने 14 लेखपालों की चार टीम बनाकर लुकादड़ी खादर क्षेत्र की पैमाइश के निर्देश दिए, साथ ही भूमाफिया और बाहर के लोगों को चिह्नित करने को कहा। मजलिसपुर तोफिर, सिताबपुरी, खैरनगर, महाराजनगर के सैकड़ों ग्रामीणों के अलावा एसडीएम उमेश मिश्र, सीओ अजय कुमार, सीओ चकबंदी आदि अन्य अफसर मौजूद रहे।