'तांत्रिक की मददगार बनी पुलिस'
मुजफ्फरनगर : शहर कोतवाली क्षेत्र में तांत्रिक द्वारा रिटायर्ड दारोगा से ठगी का प्रकरण सोमवार को दोबा
मुजफ्फरनगर : शहर कोतवाली क्षेत्र में तांत्रिक द्वारा रिटायर्ड दारोगा से ठगी का प्रकरण सोमवार को दोबारा गरमा गया। दारोगा की पत्नी ने कोतवाली में हंगामा कर पुलिस पर आरोपियों की मदद करने का आरोप लगाया। बताया कि पुलिस न तो आरोपी को पकड़ सकी और न ही उनकी रकम वापस दिलाई गई है। वहीं दूसरी ओर इस पूरे प्रकरण में एक दारोगा की बाइक से 80 हजार रुपये की नकदी बरामद हुई थी, जिसमें जांच बैठाई गई थी। उस मामले को भी पुलिस अधिकारियों ने दबाव के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
इलाज के नाम पर बनारसीदास मार्केट में तांत्रिक आयुष जी महाराज ने 80 हजार रुपये रिटायर्ड दारोगा से ठग लिए। मुकदमा दर्ज होने के बाद बरामद हुई 80 हजार रुपये की रकम कोर्ट भेज दी गई। ये रुपये अभी तक पीड़ित पक्ष को नहीं मिले। इससे गुस्साई चंद्रकला देवी सोमवार को शहर कोतवाली पहुंची और हंगामा किया। आरोप लगाया कि पुलिस तांत्रिक से मिली हुई है और इसलिए ही गिरफ्तारी नहीं हो रही। आरोप लगाया कि तांत्रिक के साथी खुलेआम शहर में घूम रहे हैं और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही।
दारोगा पर भी नहीं हुई कार्रवाई
तांत्रिक आयुष जी सम्राट के खिलाफ जब शहर कोतवाल में तहरीर दी गई तो मामला दबाने के प्रयास शुरू हो गए थे। इसी घटनाक्रम के दौरान तांत्रिक के एक साथी ने शहर कोतवाली के दारोगा नत्थू सिंह यादव को कुछ रकम समझौता कराने के लिए दी। यह घटना मीडिया के कैमरों में कैद हो गई। एसपी सिटी श्रवण कुमार सिंह के आदेश पर दारोगा की बाइक की तलाशी ली गई, जिसके बाद रकम इंस्पेक्टर चमन सिंह चावड़ा और एसएसआई प्रमोद पंवार ने बरामद भी कर ली। एसएसपी एचएन सिंह ने जांच भी बैठाई, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों की मानें तो चूंकि दारोगा यादव है तो जोड़-तोड़ के बाद उन्होंने कोई सिफारिश लगाई है।
तांत्रिक का साथी सिविल लाइन थाने में घूमता रहा
जिस समय शहर कोतवाली में तांत्रिक पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा हो रहा था, उसी समय तांत्रिक का साथी सिविल लाइन थाने में बैठकर चाय पी रहा था। ये वही युवक है, जिसने शहर कोतवाली में तैनात दारोगा को समझौता कराने के लिए 80 हजार रुपये की रकम दी थी। इसके बाद ये युवक फरार हो गया था। इस आरोपी युवक को पकड़ने के लिए एसएसपी ने निर्देश भी दिया था। इसके बावजूद तांत्रिक का साथी सिविल लाइन थाने में जिस तरह से बैठा था, उससे पीड़िता के बयान को बल मिल रहा है।