स्वदेशी बाजार में तड़का से चाइनीज को झटका
शामली : दीपावली के पर्व पर घरों की सजावट तथा प्रकाश पर्व को नए अंदाज में मनाने की सोच ने गिफ्ट तथा स
शामली : दीपावली के पर्व पर घरों की सजावट तथा प्रकाश पर्व को नए अंदाज में मनाने की सोच ने गिफ्ट तथा सजावटी सामान के बाजार को गुलजार कर दिया है। चाइनीज उत्पादों के प्रयोग को रोकने की कवायद के बीच बाजार चाइनीज उपकरणों से पटे पडे़ हैं। जागरूक उपभोक्ता पहले की भांति इस बार चायनीज गिफ्टों से परहेज कर रहा है, लेकिन गिफ्ट के रूप में स्वदेशी उत्पाद लोगों को खासे लुभा रहे हैं।
दीपावली का पर्व प्रेम और उपहार बांटने का प्रतीक रहा है। घर सजाने के लिए बाजार चाइनीज उपकरणों व गिफ्टों से पटा है। हालांकि खरीददारी में इस बार लोगों ने चाइनीज उपकरणों को दरकिनार किया है।
गिफ्ट सेंटर चलाने वाले व्यापारी राहुल जैन बताते हैं कि उनके यहां स्वदेशी व चायनीज दोनों ही प्रकार के गिफ्ट हैं। अब से पहले चाइनीज गिफ्टों की बड़ी बिक्री थी। इस बार चाइनीज सामानों का प्रयोग रोकने को लेकर सोशल साइटों पर चल रही मुहिम से लोग चाइनीज गिफ्ट खरीदने से परहेज कर रहे हैं। अधिकांश ग्राहक उनके यहां से गिफ्ट के रूप में स्वदेशी पेंटिंग खरीद रहे हैं।
खिलौना दुकानदार गौरव अग्रवाल कहते हैं कि दीपावली पर बिक्री का प्रतिशत बढ़ जाता था। खिलौने की खरीददारी के लिये लोग अच्छी लुक वाले चायनीज खिलौन खरीदते थे। इस वर्ष इन खिलौनों की बिक्री घटी है।
इलेक्ट्रिक सामान बेचने वाले रवि गोयल का कहना है कि दीपावली पर्व पर घर सजाने के लिए लोगों की पहली पंसद चाइनीज उपकरण हैं। सजावट के लिये बिजली की कम खपत करने वाली एलईडी लाइट वाली लड़ियों की धूम है और यह खूब खरीदी जा रही हैं। चाइनीज मोमबत्ती का भी क्रेज है। इस वर्ष विशेष तौर पर कोई आइटम ज्यादा नहीं बिक रहा है।
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इनकी डिमांड
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चायनीज लाइटिंग लड़ी- 20 रुपये प्रत्येक
फ्रूट लाइटिंग लड़ी - 50 रुपये
प्लास्टिक के दीये वाली लाइटिंग लड़ी- 50 रुपये
नेट वाली लाइटिंग लड़ी -170 रुपये
एलईडी लाइट वाली लड़ी - 80 रुपये
रंगीन कागजों से बनी केंडिल -60 रुपये
प्लास्टिक के फूलों वाली बेल- 25 रुपये।