11 साल के बच्चे को बनाया दंगा आरोपी
मुजफ्फरनगर :मुजफ्फरनगर दंगे की जांच के लिए गठित एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) की जांच अंतिम दौर
मुजफ्फरनगर :मुजफ्फरनगर दंगे की जांच के लिए गठित एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) की जांच अंतिम दौर में है और अभी भी कई विवादित मामले लंबित पड़े हैं। इसी कड़ी में फुगाना थाने के लिसाढ़ गांव का मामला है, जिसमें 11 साल के बच्चे को दंगा आरोपी बनाया गया। गंभीर धाराओं में बच्चे के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। बच्चे के परिजनों ने इस प्रकरण में अभी तक कार्रवाई नहीं होने पर शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के साथ एक प्रार्थना-पत्र एसएसपी को भेजा है। आरोप लगाया कि है बच्चे के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा गलत है।
लिसाढ़ गांव निवासी मिथलेश पत्नी आजादपाल ने बताया कि उनके ही गांव में रहने वाले शकील अहमद छह सितंबर 2013 को परिवार के साथ गांव छोड़कर चले गए थे। इसके बाद शकील अहमद और उनके परिवार की ओर से एक मुकदमा फुगाना थाने में दर्ज कराया गया, जिसमें उनके परिवार को नामजद किया गया है। मिथलेश के अनुसार मुकदमे में उनके पति आजादपाल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही 11 साल के बेटे गौरव को भी लूटपाट और आगजनी का आरोपी बनाया गया है। आरोप लगाया कि मुकदमे में जांच कर रहे एसआइटी के विवेचक को बच्चे के शैक्षिक प्रमाण-पत्र देकर इस मामले से नाम निकालने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक बच्चे का नाम नहीं निकाला गया। परिजनों ने गौरव के कुछ शैक्षिक प्रमाण पत्र जिसमें उसकी जन्मतिथि 20 अप्रैल 2002 है, प्रार्थना पत्र के साथ एसएसपी एचएन सिंह को भेजी है। गौरव के परिजनों ने बताया कि मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान उनके बच्चे की आयु 11 साल चार माह थी। इतने छोटे बच्चे पर वादी पक्ष ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। पत्र में मांग की गई है कि वादी पक्ष की मोबाइल का रिकार्ड निकलवाकर जांच की जाए कि वारदात के समय वे कहां थे और गौरव का नाम मुकदमे से तुरंत हटाया जाए।