शाह के 'पाले' में संभलकर कदम रखेगी 'खाकी'
मुजफ्फरनगर :भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुजफ्फरनगर में दर्ज हुए मुकदमों की चार्जशीट दायर करने के दौरान पुलिस की काफी किरकिरी हुई। लचर विवेचना और अधिकारियों की नासमझी के कारण कोर्ट ने चार्जशीट लौट दी और पुनर्विवेचना करने को कहा गया। ऐसे में अब 'खाकी' शाह पर दर्ज हुए दोनों मामलों में काफी संभलकर जांच कर रही है। जिन बिंदुओं पर खामियां थी, उन्हें दूर करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर मुजफ्फरनगर में दो जगहों पर जाति-धर्म के नाम पर भाषण देने और धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। पहला मुकदमा नई मंडी कोतवाली और दूसरा मुकदमा ककरौली थाने में 12 अप्रैल 2014 को हुआ था। दोनों मामलों में आइपीसी की धारा 188 और 123(3) लोकजन प्रतिनिधित्व अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया। नई मंडी कोतवाली पुलिस की ओर से दो दिन पूर्व कोर्ट में अमित शाह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, लेकिन कोर्ट ने विवेचना में कमी बताकर इसे लौटा दिया। कहा कि पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 173(2) का अनुपालन नहीं किया।
इसके बाद अधिकारियों की काफी किरकिरी हुई और अब विवेचना दोबारा शुरू होगी। अमित शाह पर ककरौली थाने में दर्ज हुए मुकदमे में भी वहीं धाराएं हैं जो नई मंडी कोतवाली वाले मुकदमे में थी। ऐसे में अधिकारी इस बात को पहले ही पुष्ट कर रहे है कि ककरौली थाने में चल रही विवेचना में नई मंडी कोतवाली की तरह कमियां न रह जाए।
एक ही जगह होगी जांच
कोर्ट ने अमित शाह के खिलाफ चार्जशीट में जिन बिंदुओं पर खामियां बताई हैं, उन्हें सही करने के लिए कवायद अभी से शुरू हो गई है। इस पूरे मामले में कानून के जानकारों की भी मदद ली जा रही है। ऐसी संभावना है कि पुलिस अधिकारी इन दोनों मामलों को जल्द ही क्राइम ब्रांच या फिर किसी एसआइएस(विशेष जांच प्रकोष्ठ) में ट्रांसफर कर दे। इसके पीछे कारण यह माना जा रहा है कि दोनों मामलों में चूंकि एक ही तरह की धाराएं हैं तो दोनों मुकदमों की विवेचना भी एक ही अधिकारी अच्छी तरह से कर सकेगे। इसके बाद ही पुलिस शाह के खिलाफ दोनों मुकदमों में पूरी तैयारी के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करेगी।