गैरहाजिर रहने वाले शपथकर्ताओं की बढ़ेंगी मुश्किलें!
मुजफ्फरनगर : सांप्रदायिक दंगों की जांच कर रहे न्यायिक आयोग को सुनवाई करते हुए छह माह हो चुके हैं। इस दौरान सात सौ शपथकर्ताओं में से करीब 139 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। काफी शपथकर्ता समन भेजे जाने के बाद भी आयोग के समक्ष बयानों के लिए पेश नहीं हो सके हैं। ऐसे में गैरहाजिर रहने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दंगों के बाद राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विष्णु सहाय को अध्यक्ष नियुक्त किया था। कूकड़ा मंडी स्थित गेस्ट हाउस में सांप्रदायिक दंगों की जांच और सुनवाई के लिए आयोग का कैंप कार्यालय बनाया गया है। पहले 25 गवाहों के बयान हुए थे, लेकिन मार्च में आयोग के समक्ष 57 गवाहों के बयान दर्ज हुए। अप्रैल के बीते सत्र में भी कुल 57 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। छह माह में कुल 139 गवाहों के बयान हो सके हैं, जबकि सात सौ लोगों ने दंगों से संबंधित शपथपत्र दाखिल किए हैं। आगामी महीनों में आयोग के समक्ष साढ़े पांच सौ से ज्यादा शपथकर्ताओं के बयान दर्ज होने हैं। ऐसे में जांच लंबे समय तक चलना तय माना जा रहा है।
आयोग से जुड़े अफसरों के मुताबिक, अब तक सुनवाई के प्रत्येक सत्र में प्रतिदिन तीन-चार गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हुए हैं, जबकि आयोग ने उनको बुलाने के लिए समन जारी किए थे। इसके बाद भी बयान दर्ज नहीं कराने आने से शपथकर्ताओं की भूमिका पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे हालात में आयोग अपने अधिकारों को प्रयोग करते हुए गैरहाजिर शपथकर्ताओं के खिलाफ विधिक कार्रवाई अमल में ला सकता है।