हमें देश से है प्यार, बेटे ने नादानी में लिख दिया पाकिस्तान जिंदाबाद
शाम के साढ़े चार बजे उमरी सब्जीपुर गांव में हर किसी की जुबान पर खलील के बेटे मुजासन का जिक्र था।
मुरादाबाद, जेएनएन। शाम के साढ़े चार बजे उमरी सब्जीपुर गांव में हर किसी की जुबान पर खलील के बेटे मुजासन का जिक्र था। पूछने पर परिवार के सदस्य और ग्रामीण बोले कि, उसने पाकिस्तान की हिमायत की है। घर की खिड़की पर बैठी मुजासन की मां साबरी बोली, हमें देश से प्रेम है...हां बेटे ने नादानी में ऐसा कृत्य कर दिया है। इस कसूर के लिए उसे माफ कर दें।
लोगों में चलती रहीं चर्चाएं
दिल्ली हाईवे पर चार हजार की आबादी वाले मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरी सब्जीपुर के बाहरी छोर पर प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां पहले से कुछ लोग खड़े थे। सभी मुजासन की करतूत का ही जिक्र कर रहे थे। खलील का घर गांव के दूसरे छोर पर है। घर से कुछ दूरी पर मुजासन का बड़ा भाई मोहसिन उर्फ फैसल मिला, जो बेंगलुरु से बीयूएमएस कर रहा है। फैसल का कहना है कि मुजासन ने पाकिस्तान की हिमायत की है, वह नाबालिग है। उसे अच्छे बुरे का पता नहीं है,इसलिए गलती कर बैठा। उसके बाद फैसल अपने घर पहुंचा, जहां उसकी अम्मी साबरी खिड़की पर बैठी थीं। भाई मोअज्जम और आसकार चारपाई पर बैठे हुए थे। घर के एक कोने में बहन भी खड़ी थी। बेटे का जिक्र आया तो सबसे पहले मां साबरी बोली, हमारा पूरा परिवार देश से प्रेम करता है। उन्होंने कहा कि बड़ा बेटा आसकार एमए कर रहा हैं, उससे छोटा फैसल बीयूएमएस कर पढ़ाई कर रहा है, मोअज्जम अपने पापा खलील के साथ खेती करता है। ऐसे में पूरा परिवार ही अपने काम में उलझा रहता है। बाहरी बातों पर हम ध्यान नहीं देते। मां ने कहा कि इस गलती के लिए मेरे बेटे को माफ कर देना चाहिए।
कार्रवाई को ले रहे थे अपडेट
मुजासन के कृत्य पर शहर में बवाल हो रहा था, जिसकी अपडेट पूरा परिवार घर बैठकर फोन से ले रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि खलील पर गांव में राशन की दुकान भी है। उसके साथ ही खेती भी है, जिस पर उनका पूरा परिवार काम करता है। हालांकि घटना के बाद लोग इतने सहमे हुए थे कि खलील के घर वाली गली में जाने से भी किनारा कर रहे थे। लोग दबी जुबान में बोले कि मुजासन भारत पाक क्रिकेट मैच में वह पाक की जीत पर जश्न मनाता था।
चेहरे पर खौफ, आखों से छलक रहा था दर्द
रेलवे स्टेशन की ओर से पीली कोठी से होकर कांठ रोड जाने वाली सभी स्कूली बस जाम में फंसी थीं। आटो गलियों से निकलते हुए जाम की चपेट में आ गए। जाम में करीब घंटों तक फंसे बच्चों के चेहरे पर खौफ और आंखों से दर्द छलक रहा था। बच्चों के देरी से पहुंचने पर अभिभावकों की बेचनी भी बढ़ रही थी। कई अभिभावक तो बच्चों को तलाश करते हुए स्कूल तक पहुंच गए थे। घरों से शॉपिंग के लिए निकले लोग भी सड़क पर रेंगते नजर आए। सबसे अहम बात यह है कि कई लोगों की ट्रेन में जाम की वजह से छूट गई।
शाम को लगाया जाम
पीली कोठी पर शाम साढ़े चार बजे जाम लगा दिया। उस समय कई स्कूलों की छुट्टी हुई थीं। पीली कोठी, पीएमएस रोड, अस्पताल रोड तथा बुध बाजार रोड पर स्कूली बसे खड़ी हो गई थी। रोडवेज की बसों को पुलिस ने बस स्टैंड पर रोक दिया था। स्कूली बच्चों से भरे आटो गलियों के अंदर से गुजरे तो वहां भी जाम लग गई। काफी लोग तो बीच जाम में फंसे रिक्शा को छोड़कर पैदल ही निकल गए। अभिभावक बच्चों के देरी से आने पर चितिंत हो गए थे। कुछ ने स्कूलों में छुट्टी के बारे में फोन पर जानकारी तक जुटाई। पीली कोठी पर आसपास के दुकानदारों ने शटर डाल दिए थे। उन्हें डर था कि प्रदर्शनकारी तोड़ फोड़ न कर दें। एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से जाम की वजह से कुछ वाहनों को बाहरी क्षेत्र में ही रोक दिया था, जाम खुलने के बाद उनका संचालन कराया गया।