पांच दिन तक परिजनों के साथ पति को तलाशती रही प्रेमवती
मुरादाबाद : महमूदपुर माफी गांव में सात नवंबर की सुबह से ही नारायण सिंह की तलाश शुरू हो
मुरादाबाद : महमूदपुर माफी गांव में सात नवंबर की सुबह से ही नारायण सिंह की तलाश शुरू हो गई थी। दरअसल भाई सूखा सिंह ने प्रेमवती, नारायण और राजकुमार के बीच विवाद होते देख लिया था। प्रेमवती परिजनों के साथ पति की तलाश करा रही थी। ससुरालियों को दिखाने के लिए वह चिन्तित भी थी। शनिवार को जब पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। घर में शादी की तैयारियां हो चुकी थीं। दोनों बच्चे जहां पिता के शव से लिपट कर रोते दिखाई दिए, वहीं छोटे भाई की मौत से पांचों भाई परेशान दिखे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार नारायण सिंह के ठोढ़ी पर चोट के निशान मिले हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि हत्या के पहले हत्यारोपियों ने उसकी पिटाई की थी। शव पांच दिन पुराना बताया गया। साफ है कि छह की रात ही नारायण सिंह की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने प्रेमवती और राजकुमार की गिरफ्तारी कर अन्य दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। परिवार वालों ने बताया कि पहले भी राजकुमार और नारायण सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। नौ साल से वह तभी घर आता था जब नारायण काम पर गया होता था। रविवार को मृतक के भतीजे डबलू की बारात जानी है।
---------------------
इस तरह की नारायण सिंह की हत्या
-छह नवंबर को परिवार वाले लगुन के कार्यक्रम में व्यस्त थे। राजकुमार भी शामिल होने अपने दो साथियों के साथ आया था। नारायण सिंह लगातार पत्नी, राजकुमार व उसके साथियों पर नजर बनाए था। कार्यक्रम में डीजे बज रहा था। इसी दौरान प्रेमवती अंदर गई, उसके कुछ देर बाद राजकुमार भी अंदर गया। नारायण ने दोनों को अंदर जाते देखा तो वह भी कुछ देर बाद कमरे में पहुंच गया। जहां पत्नी को राजकुमार के साथ आपत्तिजनक हालत में देखते ही उसका खून खौल उठा। नारायण और राजकुमार के बीच गुत्थम गुत्था हो गई। प्रेमवती ने राजकुमार का साथ देते हुए पति को जान से मारने की बात कही। इसी बीच राजकुमार ने फोन कर दोनों साथियों को भी अंदर बुला लिया। चार लोगों के आगे नारायण सिंह कमजोर पड़ गया। साथियों ने हाथ पैर पकड़े और राजकुमार ने प्रेमवती के सामने दोनों हाथों से नारायण सिंह का गला दबा दिया। इस दौरान नारायण सिंह मदद के लिए चीखा भी, लेकिन डीजे के शोर में उसकी आवाज दब गई। हत्या के बाद सभी कार्यक्रम में शामिल हुए। रात जब ग्रामीण सो गए तब राजकुमार ने दोनों साथियों के साथ मिलकर नारायण सिंह का शव ठिकाने लगा दिया।
-------------------
इस तरह हुआ हत्या का पर्दाफाश
-रविवार को बारात जानी थी। इस दौरान नारायण सिंह का अचानक रहस्यमय तरीके से गायब हो जाना पूरे परिवार को खटक रहा था। काफी तलाशने पर भी कोई जानकारी न मिली, मोबाइल भी बंद था। नारायण सिंह के भाई सूखा सिंह ने मैनाठेर थानाध्यक्ष ध्रुव कुमार को भाई के गुम होने की जानकारी दी। जब दो दिन तक नारायण सिंह का पता न चला तो पुलिस ने परिवार में बातचीत की। प्रेमवती की संदिग्ध हरकतें देख पुलिस को शक हुआ। पूछताछ में परिजनों ने उसके प्रेम संबंधों की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने प्रेमवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की। वह पुलिस को बरगलाती रही। सीधी तरह मामला न बनते देख थानाध्यक्ष और पूछताछ करने वाली टीम ने सख्त रुख अख्तियार किया। प्रेमवती के बताने पर राजकुमार को थाने लाया गया। राजकुमार ने सख्ती से पूछताछ करने पर सारी जानकारी पुलिस को दे दी। शनिवार दोपहर मझोला थाना क्षेत्र में नाले से शव भी बरामद करा दिया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य संकलित किए।
---------------------
खून से सने रिश्ते
-26 अक्टूबर को मझोला में सर्राफ सचिन गुप्ता ने मकान नाम न करने पर मां आशा गुप्ता की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
- 17 अक्टूबर को कर्ज चुकाने के लिए जब पिता ने जमीन न बेची तो बेटे ने पौने दो लाख रुपये में पिता की सांसों की सुपारी शूटर्स को दे दी। खेत जाने के दौरान भोजपुर में शूटर्स ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
-25 अक्टूबर को दोस्तों के साथ जाने से मना करने पर बेटे ने मां का सिर फोड़ा।
-24 अक्टूबर को बिलारी के ग्वारऊ गांव में प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या कर शव कुएं में फेंका।
-छजलैट थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद में चचेरे भाई ने गोली मारकर भाई की हत्या कर दी थी। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।
-जमीन के विवाद में 26 अक्टूबर को मऊ में चाची ने दो साल के भतीजे की पीट-पीटकर हत्या कर दी।